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वैज्ञानिकों ने किया हर क्षेत्र में बदलाव-रक्षामंत्री

स्वदेशी प्रौद्योगिकी व स्वदेशी निर्माण का कोई विकल्प नहीं

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर वैज्ञानिकों को संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 May 2020 01:26:33 PM

defense minister's address to scientists on national technology day

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत को आत्मनिर्भर और प्रौद्योगिकी का निर्यातक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों को संबोधित किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में हमने नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, और उन्हें प्राप्त करने के लिए सही नीतिगत रूपरेखा तैयार करने में कड़ी मेहनत की है, मुझे विश्वास है कि वैज्ञानिक रक्षा अनुसंधान, विकास और निर्माण के हर क्षेत्र में इस बदलाव को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा ध्यान में रखना है स्वदेशी प्रौद्योगिकी और स्वदेशी निर्माण  कोई विकल्प नहीं है, हम वास्तव में तभी आत्मनिर्भर होंगे, जब भारत प्रौद्योगिकी के शुद्ध आयातक के बजाय शुद्ध निर्यातक बनने में सफल होगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत को एक तकनीकी रूपसे शक्तिशाली देश बनाने में योगदान देने के लिए विशेषज्ञों का आह्वान किया और कहा कि सरकार और देशवासी इस दिशा में आपके भविष्य के प्रयासों को पूरा समर्थन देंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा संगठन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए कोविड-19 की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, भारत के रक्षा बलों और अनुसंधान और विकास के प्रयासों ने इस अदृश्य दुश्मन की पैदा की गई चुनौतियों का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से पिछले 3-4 महीनों के दौरान 50 से अधिक उत्पाद विकसित किए हैं, इनमें बायो सूट, सैनिटाइजर डिस्पेंसर, पीपीई किट आदि शामिल हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि हमारे रक्षा उद्योग की अदम्य भावना ने रिकॉर्ड समय में बड़े पैमाने पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण का अवसर प्रदान किया है।
ज्ञातव्य है कि पोखरण में 1998 में किए गए परमाणु परीक्षणों की याद में 11 मई को एनटीडी मनाया जाता है। यह देश में विकसित प्रौद्योगिकी की सफल उपलब्धि का प्रतीक है। रक्षामंत्री ने कहा कि यह दिन हमारे भारतीय वैज्ञानिकों के ज्ञान, प्रतिभा और दृढ़ता के लिए समर्पित है, विशेष रूपसे उनके लिए जिन्होंने देश की जटिल राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान खोजने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हमारी तकनीकी प्रगति का जायजा लेने का एक अवसर है और यदि हमें एक तकनीकी शक्ति के रूपमें उभरना है तो हमें पता होना चाहिए कि हमें क्या करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह का आत्मनिरीक्षण आवश्यक है, क्योंकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी देश की अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण कारक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने, नवाचारों को प्रोत्साहित करने और उत्पाद की प्राप्ति के लिए प्रौद्योगिकी प्रवाह को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की याद दिलाता है।
वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों के समर्पण, दृढ़ संकल्प और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए डीआरडीओ में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2020 मनाया गया। उन वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को याद किया गया, जिन्होंने शक्ति-पोखरण 2 की सफलता के साथ राष्ट्रीय तकनीकी पहचान हासिल करने के लिए काम किया। इस अवसर पर एक वेबिनार हुआ और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में डीआरडीओ प्रौद्योगिकी पर प्रस्तुति दी गई। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पहले 45 दिनों के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में देश ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे को मज़बूत किया है। उन्होंने डीआरडीओ को जीवन विज्ञान प्रयोगशालाओं पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी और कहा कि जैव रक्षा कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिक रोबोट उपकरणों के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें डीआरडीओ का आधार मजबूत है।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजयराघवन ने कहा कि कोविड-19 से जंग में अवसर अनुकूल कार्य करना असाधारण है। उन्होंने कहा कि हमें सभी प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमता विकसित करनी चाहिए। उन्होंने आईटी सक्षम तकनीकों और अनुप्रयोगों के विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया। डीडीआर एंड डी के सचिव तथा डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी ने कोविड-19 का मुकाबला करने में नागरिकों, सशस्त्र बलों और कोरोना वारियर्स को समर्थन देने के लिए अपील की कि वैज्ञानिक देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकें प्रदान करने का काम करें। डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, उत्पादों की दुनियाभर में आपूर्ति की जानी चाहिए, विलंबित आपूर्ति कोई आपूर्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने कोविड-19 से लड़ने के लिए 53 उत्पाद विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ प्रणालियों को रिकॉर्ड समय में शामिल किया गया था। इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय और डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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