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Tuesday 12 May 2020 01:43:07 PM
नई दिल्ली। अखबारों में ख़बर है कि जिन लोगों ने आधार नंबर उपलब्ध नहीं करवाया है, उन लोगों के राशन कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के 7 फरवरी 2017 को जारी आधार अधिसूचना के अंतर्गत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दी गई समय-सीमा के तहत सभी राशन कार्डों और लाभार्थियों को आधार नंबर के साथ लिंक करना है, इसके लिए विभाग ने 30 सितंबर 2020 तक समय बढ़ा दिया है। विभाग ने तबतक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 24 अक्टूबर 2017 और 8 नवंबर 2018 को जारी किए गए पत्रों के माध्यम से स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी वास्तविक लाभार्थी और परिवार को खाद्यान्न के कोटे की प्राप्ति के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए या आधार नंबर नहीं रखने की स्थिति में उनके नाम राशन कार्ड नष्ट या रद्द नहीं किए जाएंगे।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि एनएफएसए के अंतर्गत लाभार्थियों की बायोमेट्रिक/ आधार प्रमाणीकरण की विफलता के कारण उन्हें खाद्यान्न देने से इनकार नहीं किया जाएगा, क्योंकि लाभार्थियों की खराब बायोमेट्रिक्स, नेटवर्क/ कनेक्टिविटी/ लिंकिंग या किसी अन्य तकनीकी कारणों से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विभाग का कहना है कि वर्तमान समय में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिससे किसी ग़रीब या पात्र व्यक्ति या परिवार को खाद्यान्न की प्राप्ति से वंचित न किया जाए, आधार को राशन कार्ड और लाभार्थियों के साथ जोड़ने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि इस प्रकार के राशन की प्राप्ति के कोई भी पात्र व्यक्ति ऐसा लाभ उठाने से वंचित नहीं हो सकें। केंद्र और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों के अथक प्रयासों से वर्तमान समय में सभी 23.5 करोड़ राशन कार्डों का लगभग 90 प्रतिशत पहले से ही राशन कार्ड धारकों के आधार नंबर यानी परिवार के कम से कम एक सदस्य से जुड़े हुए हैं, जबकि सभी 80 करोड़ लाभार्थियों में से लगभग 85 प्रतिशत ने अपने संबंधित राशन कार्ड के साथ अपना आधार नंबर भी दर्ज करवाया हुआ है।
सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा है कि सभी संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एनएफएसए के अंतर्गत शेष राशन कार्डों एवं लाभार्थियों के आधार लिंक का काम पूरा करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह भी रेखांकित किया गया है कि ग़रीब और प्रवासी लाभार्थियों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एकीकृत प्रबंधन पर एक केंद्रीय योजना के हिस्से के रूपमें वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत एनएफएसए राशन कार्ड धारकों के लिए राष्ट्रीय/ अंतरराज्यीय पोर्टेबिलिटी के कार्यांवयन की शुरुआत कर दी है। राशन कार्ड की निर्बाध अंतरराज्यीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन की प्राप्ति के लिए, एनएफएसए के अंतर्गत आने वाले सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के राशन कार्डों/ लाभार्थियों के आंकड़ों को बनाए रखने के लिए एक केंद्रीकृत संग्राहक का होना आवश्यक है, इसलिए देश में एनएफएसए के अंतर्गत प्रत्येक पात्र राशन कार्ड धारकों/ लाभार्थियों के लिए एक अनूठा रिकॉर्ड स्थापित करने की दिशा में आधार संख्या को लिंक करना महत्वपूर्ण बन जाता है, जिससे उनकी पात्रता को सुरक्षित रखा जा सके।