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Wednesday 13 May 2020 11:08:05 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और कोरोना महामारी से जूझते हुए देश को बीस लाख करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की। बताते हैं कि दुनिया के किसी भी देश में ऐसी आपदा से निपटने के लिए दुनिया का यह सबसे बड़ा राहत पैकेज है। प्रधानमंत्री ने जान गंवा देने वाले लोगों को स्मरण करते हुए इस पैकेज की घोषणा की और कहा कि कोविड-19 से देश पर जो संकट आया है, वह अप्रत्याशित है, लेकिन इस लड़ाई में हमें न केवल अपनी रक्षा करने की जरूरत है, बल्कि निरंतर आगे भी बढ़ते रहना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के सपने को पूरा करने के लिए यह सुनिश्चित करते हुए आगे बढ़ना है कि देश आत्मनिर्भर हो जाए। कोरोना संकट को एक अवसर में बदलने की बात कहते हुए उन्होंने पीपीई किट और एन-95 मास्क का उदाहरण दिया, जिनका कभी भारत में उत्पादन लगभग नगण्य था, जो अब बढ़कर 2-2 लाख पीस प्रतिदिन के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की परिकल्पना करते हुए कहा कि भूमंडलीकृत दुनिया में आत्मनिर्भरता के मायने बदल गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब भारत आत्मनिर्भरता की बात करता है तो वह आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया को एक परिवार के रूपमें मानती है और भारत की प्रगति में हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया को भरोसा है कि संपूर्ण मानवता के विकास में भारत का काफी योगदान है। भूकंप के बाद कच्छ में मची तबाही को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दृढ़ संकल्प की बदौलत यह क्षेत्र फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो गया और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठीक इसी तरह के दृढ़ संकल्प की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत इन पांच स्तंभों पर खड़ा होगा, अर्थव्यवस्था वृद्धिशील परिवर्तन नहीं, बल्कि लंबी छलांग सुनिश्चित करती है। बुनियादी ढांचा, जिसे भारत की पहचान बन जाना चाहिए, प्रणाली (सिस्टम), जो 21वीं सदी की प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्थाओं पर आधारित हो, उत्साहशील आबादी, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है और मांग, जिसके तहत हमारी मांग एवं आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) की ताकत का उपयोग पूरी क्षमता से किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मांग बढ़ाने के साथ-साथ इसे पूरा करने के लिए भी आपूर्ति श्रृंखला के सभी हितधारकों को मजबूत करने के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की और आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोविड संकट के दौरान सरकार की इससे पहले की गई घोषणाओं और आरबीआई के निर्णयों से जुड़ी राशि को मिला देने पर यह पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का है, जो भारत की जीडीपी के लगभग 10% के बराबर है। उन्होंने कहा कि यह पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काफी सहायक साबित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पैकेज भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों पर भी फोकस करेगा, यह कुटीर उद्योग, एमएसएमई, मजदूरों, मध्यम वर्ग, उद्योगों सहित विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि पैकेज का विवरण वित्तमंत्री आने वाले कुछ दिनों में पेश करेंगी। पिछले छह वर्ष में लागू किए गए जैम ट्रिनिटी जैसे सुधारों के सकारात्मक प्रभाव के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई साहसिक सुधारों की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में कोविड जैसे संकट को कोई भी प्रभाव पड़ने से बचा जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन सुधारों में कृषि के लिए आपूर्ति श्रृंखला संबंधी सुधार, तर्कसंगत कर प्रणाली, सरल एवं स्पष्ट कानून, सक्षम मानव संसाधन और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली शामिल हैं, ये सुधार कारोबार को बढ़ावा देंगे, निवेश को आकर्षित करेंगे एवं मेक इन इंडिया को और भी अधिक मजबूत करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी और यह आवश्यक है कि देश इस प्रतिस्पर्धा में अवश्य ही जीत हासिल करे, पैकेज तैयार करते समय इसे भी ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल विभिन्न सेक्टरों में दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगा। देश में इनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पैकेज संगठित और असंगठित दोनों ही क्षेत्रों के गरीबों, मजदूरों, प्रवासियों इत्यादि को सशक्त बनाने पर भी फोकस करेगा। उन्होंने कहा कि संकट ने हमें लोकल यानी स्थानीय या स्वदेशी विनिर्माण, लोकल बाज़ार और लोकल आपूर्ति श्रृंखलाओं के विशेष महत्व को सिखा दिया है। उन्होंने कहा कि संकट के दौरान हमारी सभी जरूरतें स्थानीय स्तर पर यानी देश में ही पूरी हुईं। उन्होंने कहा कि अब लोकल उत्पादों का गर्व से प्रचार करने और इन लोकल उत्पादों को वैश्विक बनाने में मदद करने का समय आ गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कई विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बनने वाला है, हालांकि इसके साथ यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि हमारा जीवन केवल इसके इर्द-गिर्द ही न घूमता रहे। उन्होंने मास्क पहनने और दो गज की दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतते हुए लोगों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर काम करने के लिए प्रेरित किया। लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका स्वरूप अभी तक देखे गए स्वरूपों से बिल्कुल अलग होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों से प्राप्त सुझावों के आधार पर नए नियमों को तैयार किया जाएगा और इस बारे में जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी।