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Wednesday 13 May 2020 12:55:33 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सिंग कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस हमारी पृथ्वी को स्वस्थ रखने के लिए चौबीस घंटे काम करने वाले असाधारण नर्सिंग कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक विशेष दिन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वे कोविड-19 को पराजित करने की दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, हम उनके और उनके परिवारों के प्रति भी बेहद आभारी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल से प्रेरित हमारे नर्सिंग कर्मचारी करूणा से परिपूर्ण हैं, आज हम उनके कल्याण के लिए काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और इस क्षेत्र में अवसरों पर अधिक से अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि पीड़ितों की देखभाल करने वालों की कमी न हो।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस की 200वीं सालगिरह पर अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस सामारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया और कहा कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस का महत्व इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इस वर्ष को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'नर्स और मिडवाइफ का वर्ष' घोषित किया है। उन्होंने नर्सिंग पेशे से जुड़े लोगों के काम और निस्वार्थ समर्पण की भावना की सराहना करते हुए उन्हें स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण और मजबूत स्तंभ बताया। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि नर्सों के लिए दिन चाहे कितना भी व्यस्तता भरा क्यों न हो, मरीजों की देखभाल हमेशा उनकी प्राथमिकता होती है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौर में निरंतर पीड़ितों की देखभाल में जुटे रहने के लिए नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बिना हम कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत सकते और न ही सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने एवं सतत विकास लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के समक्ष नर्सों को अपनी क्षमता की कठिन परीक्षा देनी पड़ रही है। उन्होंने इस संदर्भ में पुणे की स्टॉफ नर्स ज्योति विट्ठल, पुणे की सहायक मेट्रन अनीता गोविंदराव राठौड़ और झिलमिल के ईएसआई अस्पताल की नर्सिंग अधिकारी मार्गरेट का विशेष रूपसे उल्लेख किया, जिन्होंने कोरोना पीड़ितों की देखभाल में खुद को बलिदान कर दिया है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अग्रिम मोर्चे पर खड़े स्वास्थ्यकर्मियों को किसी भी तरह की हिंसा से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश का प्रावधान किया गया है, इसके तहत ऐसे हिंसक कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखने तथा हिंसा से प्रभावित स्वास्थ्यकर्मियों को मुआवजे का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी हिसंक घटनाओं में लिप्त लोगों को तीन से पांच साल तक की कैद की सजा और साथ में 50,000 रुपये से लेकर 2,00,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंभीर चोट पहुंचाने वालों को छह महीने से लेकर सात साल के कारावास की सजा तथा 1,00,000 रुपये से लेकर 5,00,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा की व्यवस्था की गई है, अपराधी को पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करने और संपत्ति के नुकसान के लिए उचित बाज़ार मूल्य का दोगुना अदा करने के लिए भी उत्तरदायी ठहराया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोविड के मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज बीमा योजना को भी मंजूरी दी है, इसके तहत 22.12 लाख स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 90 दिन का 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करने की व्यवस्था की गई है, यह ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए है, जिन्हें कोविड रोगियों के सीधे संपर्क में होने का जोखिम रहने के कारण उनसे प्रभावित होने का खतरा होता है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में नर्सों को खुद ही कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में पर्याप्त सावधानी बरतनी है और सभी नियमों का पालन करना है, ताकि न केवल वे इस बीमारी से खुद की रक्षा कर सकें, बल्कि दूसरों को भी बचने की सही सलाह दे सकें। डॉ हर्षवर्धन ने नर्सों को दिल्ली के आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय नर्सिंग परिषद के विभिन्न वेबिनार का लाभ उठाने की सलाह दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव प्रीति सूदन, विशेष सचिव अरुण सिंघल, संयुक्त सचिव निपुण विनायक, भारतीय नर्सिंग परिषद नई दिल्ली के अध्यक्ष टी दिलीप कुमार, अखिल भारतीय सरकारी नर्स फेडरेशन की महासचिव जीके खुराना, प्रशिक्षित नर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, उत्तर क्षेत्र की उपाध्यक्ष एनी कुमार, नर्सिंग संगठनों की सदस्य तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।