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Friday 15 May 2020 12:46:56 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) 15 मई 2020 से संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के आवेदकों के सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदनों की सुनवाई करेगा। मुख्य सूचना आयुक्त बिमल जुल्का के डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात के बाद उन्होंने यह जानकारी दी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के आवेदक घर से आरटीआई आवेदन दाखिल कर सकते हैं और किसी को सीआईसी की अपील के लिए भी बाहर की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे 'घर पर न्याय' की एक नई संस्कृति की शुरुआत होगी।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के आवेदक प्रदेश द्वारा नामित अधिकारियों के समक्ष पहली अपील दायर कर सकते हैं और सीआईसी के समक्ष दूसरी अपील के लिए घर से सुनवाई की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा आवेदक ऑनलाइन तरीके से कभी भी आरटीआई दाखिल कर सकते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से संबंधित मामलों के लिए आरटीआई दायर कर सकता है, जो पुनर्गठन अधिनियम-2019 से पहले केवल जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के लिए आरक्षित था। यहां यह उल्लेख करना उचित है कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के पारित होने के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर सूचना का अधिकार अधिनियम-2009 और इसके नियम निरस्त कर दिए गए थे तथा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 और इसके अधीन नियम 31 अक्टूबर 2019 से लागू किए गए थे।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आरटीआई अधिनियम-2009 से केंद्रीय आरटीआई अधिनियम के लिए सुचारू परिवर्तन के लिए गृह मंत्रालय, डीओपीटी और केंद्रीय सूचना आयोग के कार्यालयों ने ठोस प्रयास किए थे। उन्होंने बताया कि पुनर्गठन अधिनियम-2019 के बाद से 10 मई 2020 तक, संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से सीआईसी में 111 दूसरी अपीलें/ शिकायतें दर्ज की गई हैं। सीपीआईओ और एफएए के लिए प्रशिक्षण की योजना बनाई जा रही है और केंद्रशासित प्रदेशों जेएंडके और लद्दाख के सार्वजनिक प्राधिकरणों का डीओपीटी के आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण भी डीओपीटी के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में सभी सूचना आयुक्त मामलों की सुनवाई कर रहे हैं और सीआईसी मुख्यालय 33 प्रतिशत आधिकारिक कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं। वरिष्ठ सूचना आयुक्त कार्यालय से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रहे हैं।