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Friday 15 May 2020 01:31:16 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 महामारी से राहत उपायों के लिए और अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कदमों के तहत मार्च में पीएम-केयर्स फंड में एक महीने के वेतन का योगदान करने के बाद एक साल तक अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा छोड़ने का फैसला किया है। राष्ट्रपति ने खर्च को कम करने, संसाधनों का इष्टतम उपयोग और कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए बचाए गए धन का इस्तेमाल और लोगों की आर्थिक दुर्दशा को कम करने के लिए राष्ट्रपति भवन को निर्देश दिए हैं। राष्ट्रपति का मानना है कि यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की दृष्टि को साकार करने के लिए एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण योगदान होगा, यह देश को महामारी से लड़ने, विकास और समृद्धि की हमारी यात्रा को एक साथ जारी रखने में मदद करेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति भवन अपने खर्च को कम करने के लिए वित्तवर्ष 2020-21 में कोई नया पूंजीगत कार्य नहीं करेगा, केवल चल रहे कामों को ही पूरा करेगा। राष्ट्रपति भवन में मरम्मत और रखरखाव का काम केवल संपत्ति के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए कम से कम किया जाएगा, कार्यालय उपभोग्य सामग्रियों के उपयोग में पर्याप्त कटौती होगी, उदाहरण के लिए राष्ट्रपति भवन अपव्यय से बचने और कार्यालय को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए कागज के उपयोग में कटौती करने के लिए ई-तकनीक का उपयोग करेगा तथा उनके उपयोग को तर्कसंगत बनाकर ऊर्जा और ईंधन की बचत के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने प्रेसिडेंसियल लिमोजिन की खरीद को स्थगित करने का भी फैसला किया है, जिसका औपचारिक अवसरों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए घरेलू पर्यटन और कार्यक्रमों को काफी कम किया जाएगा, इस तरह के कार्यक्रमों पर होने वाले खर्च को कम से कम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तरह के उपायों में एट-होम और राज्य भोज, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए अतिथि सूचियां छोटी रखना, ऐसे अवसरों पर सजावटी वस्तुओं का कम उपयोग और भोजन के मेनू को संभव हद तक कम करना शामिल है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि इन उपायों से चालू वित्तवर्ष में राष्ट्रपति भवन के बजट का लगभग 20 प्रतिशत की बचत होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि इस बीच यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे उपायों की वजह से आउटसोर्स एवं संविदाकर्मियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और ग़रीबों के कल्याण के लिए राष्ट्रपति भवन के अन्य कार्य भी इससे प्रभावित नहीं होंगे।