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Saturday 16 May 2020 05:55:54 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से स्पष्ट रूपसे कहा है कि वे प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी पैदल न होने दें एवं बसों और विशेष श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों के माध्यम से ही उनकी घर वापसी सुनिश्चित कराएं। गृह मंत्रालय 11 मई 2020 को ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लॉकडाउन में उनके यहां फंसे प्रवासी श्रमिकों को बसों और विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों के माध्यम से शीघ्रता से उनके मूल निवास स्थानों पर पहुंचाने के लिए पत्र लिख चुका है। गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में सड़कों और रेलवे की पटरियों पर चल रहे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति का उल्लेख किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फिरसे अपनी यह बात दोहराई है और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि यदि श्रमिक ऐसी पैदल स्थिति में पाए जाते हैं तो उन्हें उचित रूपसे परामर्श दिया जाए और जबतक कि उनको उनके मूल स्थानों तक जाने के लिए विशेष रेलगाड़ी या बस की सुविधा न मिले तबतक उन्हें निकट के आश्रयों में ले जाकर भोजन-जल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न भागों से प्रवासी श्रमिकों के सड़कों, रेलव पटरियों और ट्रकों में यात्रा करने की खबरों से गृह मंत्रालय बहुत चिंतित है और इसके समाधान के लिए सभी संभव प्रयास कर रहा है।
गृह मंत्रालय ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को फिर से लिखा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह प्रवासी श्रमिक अपनी घर वापसी के लिए पैदल यात्रा न करें। पत्र में कहा गया है कि रेल मंत्रालय प्रतिदिन 100 से अधिक विशेष 'श्रमिक' रेलों का संचालन कर रहा है और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त रेलों की व्यवस्था करने के लिए तैयार है। राज्य सरकारें इन व्यवस्थाओं के बारे में लोगों को जागरुक करें और श्रमिकों को परामर्श भी दें कि उन्हें बिल्कुल भी पैदल यात्रा न करते हुए उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार की विशेष बसों एवं रेलगाड़ियों के माध्यम से ही उन्हें यात्रा करनी चाहिए।