स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 22 May 2020 05:59:11 PM
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान अम्फान से हुई भीषण तबाही से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज पश्चिम बंगाल का दौरा किया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के चक्रवाती तूफान प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी की, जिसमें उन्होंने तत्काल राहत कार्यों के लिए पश्चिम बंगाल को 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य से सहायता का ज्ञापन प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में तूफान से हुई क्षति का आकलन करने के उद्देश्य से राज्य का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय टीम तैनात करेगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे सहायता दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की जनता के साथ अपनी पूरी एकजुटता जताई और उन परिवारों के लिए गहरा दुख व्यक्त किया जिन्होंने इस आपदा के दौरान अपने परिजनों को खो दिया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के साथ-साथ राज्य में चक्रवाती तूफान में गंभीर रूपसे घायल हुए लोगों के लिए भी 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के लोगों को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में पश्चिम बंगाल सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और तूफान प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की बहाली एवं पुनर्निर्माण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। गौरतलब है कि यह इस वर्ष प्रधानमंत्री की पश्चिम बंगाल की दूसरी यात्रा थी, जो उत्तर प्रदेश के अलावा एकमात्र राज्य है, जहां इस वर्ष उनकी कई यात्राएं हुई हैं। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के आरंभ में 11-12 जनवरी को पश्चिम बंगाल का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने उस दौरान कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ से जुड़े समारोह में भाग लिया था, कोलकाता में चार पुनर्निर्मित ऐतिहासिक इमारतों को राष्ट्र को समर्पित किया था और बेलूर मठ का भी दौरा किया था। इस दौरे में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो एवं प्रतापचंद्र सारंगी और देबाश्री चौधरी भी थीं।