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Monday 25 May 2020 12:25:44 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत में फंसे उन लोगों की आवाजाही के लिए भी एक मानक परिचालन प्रोटोकॉल जारी किया है, जो जरूरी कारणों से विदेश यात्रा करना चाहते हैं। यह आदेश इसी से संबंधित गृह मंत्रालय के 5 मई 2020 के आदेश का स्थान लेगा। ये एसओपी भूमि सीमाओं के जरिए आने वाले यात्रियों पर भी लागू होंगे। कोविड-19 महामारी को रोकने के उपायों के तहत अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर भी पाबंदी लगाई गई थी। ऐसे अनेक भारतीय नागरिक हैं, जो रोज़गार, अध्ययन या इंटर्नशिप, पर्यटन एवं व्यवसाय जैसे उद्देश्यों से अलग-अलग देशों में गए थे, लेकिन वे लॉकडाउन में जहां थे वहां फंसे हुए हैं और तत्काल भारत लौटना चाहते हैं। ऐसे भी अनेक भारतीय नागरिक हैं, जिनके लिए चिकित्सकीय आपात स्थिति या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण भारत आना अत्यंत आवश्यक है। इसी प्रकार भारत में भी ऐसे कई लोग फंसे हुए हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों से तत्काल विदेश यात्रा करना चाहते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की यात्रा के लिए ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो भारी संकट से जूझने के कारण स्वदेश आने के लिए विवश हो गए हैं। इनमें प्रवासी कामगार या श्रमिक जिनकी छंटनी कर दी गई है, वीजा अवधि की समाप्ति की समस्या है, अल्पकालिक वीजाधारक, आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत वाले लोग, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण भारत लौटने के इच्छुक लोग और विद्यार्थी शामिल हैं। इस तरह के व्यक्तियों को जहां वे फंसे हुए हैं, उस देश में स्थित भारतीय मिशन में विदेश मंत्रालय के निर्धारित आवश्यक विवरण के साथ अपना पंजीकरण कराना होगा, ये लोग नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अनुमति के अनुसार गैर अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों और सैन्य कार्य विभाग या शिपिंग मंत्रालय की अनुमति से जहाज से भारत की यात्रा कर सकेंगे। यात्रा का खर्च यात्रियों को ही वहन करना होगा। इसके अलावा केवल उन्हीं लोगों को भारत की यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोविड बीमारी का कोई भी लक्षण नहीं है।
विदेश मंत्रालय इस तरह के सभी यात्रियों के प्रासंगिक विवरण सहित उड़ान/ जहाज वार डेटाबेस तैयार करेगा और इसे संबंधित राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश के साथ अग्रिम रूपसे साझा करेगा। विदेश मंत्रालय हर राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश के लिए अपने प्रमुख नोडल अधिकारियों को निर्दिष्ट करेगा, जो संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। आने वाली उड़ान या जहाज की समय-सारणी को विदेश मंत्रालय के ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कम से कम दो दिन के नोटिस पर दर्शाया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की क्वारंटाइन व्यवस्था सहित अंतर्राष्ट्रीय आगमन से जुड़े दिशा-निर्देश भी गृह मंत्रालय के एसओपी के साथ संलग्न किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी यात्रियों को विमान या जहाज पर सवार होने से पहले 14 दिन के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन का वचन देना होगा, जिसमें स्व-भुगतान पर 7 दिवसीय संस्थागत क्वारंटाइन और इसके बाद अपने घर पर 7 दिवसीयआइसोलेशन में रहना शामिल है।
भारत में फंसे ऐसे लोगों को जो विदेश जाना चाहते हैं, उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय या इस प्रयोजन के लिए एमओसीए की निर्दिष्ट किसी भी एजेंसी के यहां प्रस्थान और आगमन के स्थानों सहित आवश्यक विवरणों के साथ आवेदन करना होगा, जैसाकि एमओसीए ने निर्दिष्ट किया है। भारत से इनकी यात्रा गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए होगी, जिन्हें एमओसीए ने विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अनुमति दी है। यात्रा का खर्च यात्रियों को ही वहन करना होगा। उन लोगों को गंतव्य देशों की यात्रा करने की अनुमति होगी, जो उस देश के नागरिक हैं या जिनके पास उस देश का कम से कम एक वर्ष की अवधि वाला वीजा है, ग्रीन कार्ड या ओसीआई कार्ड धारक हैं। चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति या परिवार में किसी की मृत्यु होने की स्थिति में छह माह का वीजा रखने वाले भारतीय नागरिकों को भी अनुमति दी जा सकती है। ऐसे व्यक्तियों के टिकट के कन्फर्म होने से पहले ही एमओसीए यह सुनिश्चित करेगा कि गंतव्य देश अपने यहां ऐसे व्यक्तियों के प्रवेश की अनुमति अवश्य देगा।
ऐसे भारतीय समुद्री नाविक या चालक दल, जो विदेश में जहाजों पर अपनी सेवाएं देने के लिए अनुबंध स्वीकार करने के इच्छुक हैं, वे वंदे भारत मिशन के तहत भारत से प्रस्थान करने वाली गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों या अपने नियोक्ताओं द्वारा व्यवस्था की गई अन्य उड़ानों के जरिए यात्रा कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए शिपिंग मंत्रालय की मंजूरी आवश्यक होगी। विमान पर सवार होते समय एमओसीए यह सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग अवश्य हो। विमान पर केवल ऐसे ही यात्रियों को सवार होने की अनुमति होगी, जिनमें कोविड का कोई भी लक्षण नहीं होगा। विमान पर सवार होते ही सभी यात्रियों को मास्क लगाने, पर्यावरणीय स्वच्छता, श्वसन स्वच्छता एवं हाथ की स्वच्छता जैसी आवश्यक सावधानियां अवश्य बरतनी होंगी।