स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 30 May 2020 12:42:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूर्ण होने के बाद देशवासियों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अच्छाईयों के सारे श्रेय जनता को देते हुए कहा है कि जनमत की बहुत बड़ी भूमिका है और ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए अवसर है जनमत को नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतंत्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा है कि आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा, देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी, जनमत को प्रणाम! नरेंद्र मोदी ने लिखा कि यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उनमें मैं इस पत्र से आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में कृतज्ञतापूर्वक लिखा है कि बीते वर्ष में आपके स्नेह, शुभाषीश और आपके सक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, नई प्रेरणा दी है, इस दौरान आपने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए वह आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है। उन्होंने लिखा कि वर्ष 2014 में भारतवासियों ने देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था, बीते पांच वर्ष में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है, देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है, उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, ग़रीब की गरिमा भी बढ़ाई है, उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स-जीएसटी, किसानों की एमएसपी की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया, वह कार्यकाल देश की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि वर्ष 2019 में आपका आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है, आज जनजन से जुड़ी जनमन की जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को प्रज्वलित कर रही है। उन्होंने लिखा कि एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए हैं, भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में देश के हर समाज, हर वर्ग और हर व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। नरेंद्र मोदी ने लिखा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है, बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम-श्रीराम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि एक के बाद एक ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले अनेक बदलाव ऐसे भी हैं, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए लक्ष्य दिए हैं, नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, इस दौरान गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने लिखा कि अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है, बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई गई है, देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरु किया गया है, पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त टीकाकरण का बहुत बड़ा अभियान भी चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि देश के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है, जब किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों केलिए 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हज़ार रुपये की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है, मछुआरों की सहूलियत बढ़ाने केलिए उनको मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाने और ब्लू इकॉनॉमी को मजबूत करने केलिए विशेष योजनाओं के साथ-साथ अलग से विभाग बनाया गया है, इसी तरह व्यापारियों की समस्याओं के समय पर समाधान के लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 7 करोड़ बहनों को भी अब ज्यादा वित्तीय सहायता दी जा रही है, हाल में ही स्वयं सहायता समूहों केलिए बिना गारंटी के ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर दोगुना यानि 20 लाख कर दिया गया है, आदिवासी बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए देशमें 450 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया गया है, सामान्य जनहित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी बीते वर्ष में तेज गति से कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि हमारी संसद ने अपने कामकाज से दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, इसीका परिणाम है कि चाहे कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, येसब तेज़ी से बन पाए हैं, सरकार की नीतियों और निर्णयों की वजह से शहरों और गांवों के बीच की खाई कम हो रही है, पहली बार ऐसा हुआ है जब गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या, शहर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से 10 प्रतिशत ज्यादा हो गई है, देशहित में किए गए इस तरह के ऐतिहासिक कार्यों और निर्णयों की सूची बहुत लंबी है, जिसे इस पत्र में विस्तार से बता पाना संभव नहीं, लेकिन मैं इतना अवश्य कहूंगा कि एक साल के कार्यकाल के प्रत्येक दिन चौबीस घंटे पूरी सजगता से काम हुआ है, संवेदनशीलता से काम हुआ है, निर्णय लिए गए हैं।
नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करते हुए हम तेजगति से आगे बढ़ ही रहे थे कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया। एक ओर जहां अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और विशाल अर्थव्यवस्था वाली विश्व की बड़ी-बड़ी महाशक्तियां हैं, वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी आबादी और अनेक चुनौतियों से घिरा हमारा भारत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा, लेकिन आज देशवासियों ने भारत को देखने का नज़रिया बदलकर रख दिया है, ये सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है। उन्होंने पत्र में लिखा कि ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है। उन्होंने लिखा कि निश्चित तौरपर इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो, हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने असीमित कष्ट सहा है, इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि हमें ये भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए, इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है, जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है। प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा कि यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है, ये लड़ाई लंबी है, लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है। नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का मुकाबला किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, इन परिस्थितियों में आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे, 130 करोड़ भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं, बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि समय की मांग है कि अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है-आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज, इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है, यह अभियान, हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्ट अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा। नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि भारतीयों के पसीने से, परिश्रम से और उनकी प्रतिभा से बने लोकल उत्पादों के दम पर भारत आयात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि देश के सामने चुनौतियां अनेक हैं, समस्याएं अनेक हैं, मैं दिन-रात प्रयास कर रहा हूं, मुझमें कमी हो सकती है, लेकिन देश में कोई कमी नहीं है और इसलिए मेरा विश्वास स्वयं से ज्यादा आप पर है, आपकी शक्ति, आपके सामर्थ्य पर है। मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं, आपका समर्थन, आपका आशीर्वाद, आपका स्नेह ही है, वैश्विक महामारी के कारण यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है, हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में लिखा कि हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी। हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे, हमारे यहां कहा गया है-‘कृतम् मे दक्षिणे हस्ते, जयो मे सव्य आहितः’॥ यानि हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है तो दूसरे हाथ में सफलता सुनिश्चित है। देश की निरंतर सफलता की इसी कामना के साथ मैं आपको पुन: नमन करता हूं, आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं! स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए !!! जागृत रहिए, जागरूक रखिए !!!