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Saturday 6 June 2020 01:26:39 PM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग की एक उच्चस्तरीय आधिकारिक समिति ने आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए कर्मचारियों के संघों और संगठनों के साथ बातचीत की शुरुआत की है। वीएल कंठा राव अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति ने रक्षा मंत्रालय और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस प्रकार के तीन संघों-कंफेडरेशन ऑफ डिफेंस रिकॉग्नाइज्ड एसोसिएशन, इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़ गजेटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन और नेशनल डिफेंस ग्रुप-बी गजेटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन के साथ वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से बैठक की मेजबानी की।
बैठक में हितधारकों को उनकी भागीदारी के साथ पूर्वकथित निर्णय को लागू करने वाली सरकार की मंशा से अवगत कराया गया और संगठन के सदस्यों से वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ, स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य सुविधाओं के संदर्भ में कर्मचारियों के लाभ की रक्षा और अन्य सेवा मामलों के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए। ओएफबी को एक या शतप्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाले कॉरपोरेट संस्थाओं में परिवर्तित किया जा रहा है। नई कॉर्पोरेट इकाई के लिए भविष्य में सरकार के आदेशों और आवश्यक बजटीय समर्थन के संदर्भ में इन संघों की चिंताओं पर भी सुझाव मांगे गए।
ओएफबी कर्मचारी परिसंघों एवं यूनियनों के साथ और ज्यादा बैठकें करने के अनुरोध पर समिति ने विचार किया और यह आश्वासन दिया गया कि परिसंघों व यूनियनों के साथ मेल-जोल जारी रखा जाएगा। सरकार ने 16 मई 2020 को आत्मानिर्भर भारत पैकेज के एक भाग के रूपमें यह घोषणा की थी कि ओएफबी का निगमीकरण करके आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार किया जाएगा। कर्मचारी संघों का प्रतिनिधित्व सीडीआरए के अध्यक्ष बीके सिंह और महासचिव बीबी मोहंती ने किया। आईओएफएसजीओए का प्रतिनिधित्व इसके महासचिव एसबी चौबे और सामान्य कोषाध्यक्ष एमए सिद्दीकी ने किया, जबकि एनजीडीबीजीओए का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष एम बारिक और महासचिव जयगोपाल सिंह ने किया।