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Wednesday 10 June 2020 05:55:38 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड सरकार के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की समीक्षा की। केदारनाथ तीर्थस्थल के पुनर्निर्माण की अपनी परिकल्पना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों की विकास परियोजनाओं की संकल्पना के साथ उसका ऐसा डिजाइन तैयार करना चाहिए, जो समय की कसौटी पर खरा उतरे, पर्यावरण के अनुकूल हो और प्रकृति एवं उसके आसपास के वातावरण के साथ तालमेल बैठा सके। प्रधानमंत्री ने इन धर्मस्थलों से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का जायजा लिया, जिनमें यातायात और सड़क प्रबंधन भी मुख्य रूपसे शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान स्थिति और इन तीर्थस्थलों में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में तुलनात्मक रूपसे आई कमी को ध्यान में रखते हुए सुझाव दिया कि निर्माण के वर्तमान समय का उपयोग श्रमिकों के उचित उपयोग से किया जा सकता है, लेकिन साथ ही हमें उचित दूरी बनाए रखने के नियम को भी ध्यान में रखना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे आने वाले वर्ष में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रखने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं तैयार करने में मदद मिलेगी। कुछ विशेष सुझावों के तहत प्रधानमंत्री ने रामबन से केदारनाथ तक के बीच अन्य धरोहरों और धार्मिक स्थलों का विकास करने का निर्देश दिया और यह कार्य केदारनाथ के मुख्य मंदिर के पुनर्विकास के अतिरिक्त होगा।
प्रधानमंत्री ने बैठक में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए ब्रह्म कमल वाटिका और संग्रहालय के विकास से संबंधित विवरण पर भी विस्तार से बातचीत की, जो वासुकी ताल के रास्ते में है, साथ ही पुराने शहर के मकानों और वास्तुकला की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व की सम्पत्तियों के पुनर्विकास के अलावा अन्य सुविधाओं जैसे-मंदिर से उपयुक्त दूरी पर और नियमित अंतराल पर पर्यावरण अनुकूल पार्किंग स्थल के बारे में भी चर्चा की। बातचीत में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गौरतलब है कि बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम उत्तराखंड राज्य की शीर्ष प्राथमिकता वाले धर्म आध्यात्मिक धामों में हैं और इनके विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है।