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Tuesday 16 June 2020 06:56:15 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि अनलॉक-वन को दो सप्ताह हो रहे हैं, इस दौरान जो अनुभव आए हैं, उसकी समीक्षा, उनपर चर्चा आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की चर्चा से निकले बिंदु और सुझाव देश को आगे की रणनीति बनाने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी संकट से निपटने के लिए समय का बहुत महत्व होता है और सही समय पर लिए गए फैसलों ने देश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में बहुत मदद की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में जब कभी भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का अध्ययन होगा तो ये दौर इसलिए भी याद किया जाएगा कि कैसे इस दौरान हमने साथ मिलकर काम किया और सहकारी संघवाद का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब कोरोना दुनिया के अनेक देशों में चर्चा का विषय भी नहीं बना था, तब भारत ने इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं, फैसले लेने शुरू कर दिए थे, हमने एक-एक भारतीय की जिंदगी को बचाने के लिए दिन-रात मेहनत की है। उन्होंने कहा कि बीते हफ्तों में हजारों की संख्या में भारतीय, विदेश से अपने वतन वापस लौटे हैं, लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने गांवों में पहुंचे हैं, रेल-रोड, एयर-सी, सारे मार्ग खुल चुके हैं, लेकिन इतनी जनसंख्या होने के बावजूद भारत में कोरोना संक्रमण उस जैसा विनाशकारी प्रभाव नहीं दिखा पाया, जो उसने दूसरे देशों में दिखाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स, हेल्थ के जानकार, लॉकडाउन और भारत के लोगों के अनुशासन की आज चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत में रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से ऊपर है, भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है, जहां कोरोना संक्रमित मरीज़ों का जीवन बच रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना से किसी की भी मृत्यु दुखद है, हमारे लिए किसी एक भारतीय की भी मृत्यु असहज कर देने वाली है, लेकिन ये भी सच है कि आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जहां कोरोना की वजह से सबसे कम मृत्यु हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब अनेक राज्यों के अनुभव आज आत्मविश्वास जगाते हैं कि भारत कोरोना संकट में अपने नुकसान को सीमित करते हुए आगे बढ़ सकता है, अपनी अर्थव्यवस्था को तेजी से संभाल सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दो हफ्ते के अनलॉक-वन ने हमें एक बड़ा सबक ये भी दिया है कि अगर हम नियमों का पालन करते रहे, सारे दिशा-निर्देशों को मानते रहे तो कोरोना संकट से भारत को कम से कम नुकसान होगा, इसलिए मास्क या फेस कवर पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाना आवश्यक है, बिना मास्क या फेसकवर के घर से बाहर निकलने की अभी कल्पना करना भी सही नहीं है, ये जितना खुद उस व्यक्ति के लिए खतरनाक है, उतना ही उसके आसपास के लोगों के लिए भी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो गज की दूरी का हमारा मंत्र, दिन में कई-कई बार 20-20 सेकेंड के लिए साबुन से हाथ धोना, सेनेटाइजर का इस्तेमाल ये सभी बहुत गंभीरता से किए जाने चाहिए, खुद की सुरक्षा के लिए परिवार की सुरक्षा के लिए विशेषकर घर के बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए ये बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक लगभग सारे ऑफिसेस खुल चुके हैं, प्राइवेट सेक्टर में भी लोग ऑफिस जाने लगे हैं, बाजारों में, सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है तो ये सारे उपाय ही कोरोना को तेजी से फैलने से रोकने में मददगार होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि थोड़ी सी भी लापरवाही, ढिलाई और अनुशासन में कमी कोरोना के खिलाफ हम सभी की लड़ाई को कमजोर कर देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उसका बढ़ना जितना रोक पाएंगे, उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, मार्केट खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे, और उतने ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में अलग-अलग राज्यों में आर्थिक गतिविधियों का जिस तरह विस्तार होगा, उससे मिले अनुभव दूसरे राज्यों को भी बहुत लाभ पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि बीते कुछ हफ्तों के प्रयासों से हमारी अर्थव्यवस्था में नई उम्मीदें दिखने लगी हैं, पावर कंज़प्शन जो पहले घटता जा रहा था, वो अब बढ़ना शुरू हो गया है, इस साल मई में फर्टीलाइज़र की सेल बीते साल मई की अपेक्षा दोगुनी हुई है, इस बार खरीफ की बुआई बीते साल की अपेक्षा करीब 12-13 परसेंट ज्यादा हुई है, टू-व्हीलर का प्रोडक्शन लॉकडाउन से पहले के स्तर के करीब-करीब 70 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, डिजिटल भुगतान में खुदरा भी लॉकडाउन से पहले की स्थिति में पहुंच चुका है, मई में टोल संग्रह में वृद्धि, आर्थिक गतिविधि में वृद्धि को दिखाता है। उन्होंने कहा कि लगातार 3 महीने तक निर्यात में कमी के बाद जून में निर्यात फिरसे उछाल पर पहुंच गया है, ये तमाम संकेत हैं, जो हमें प्रोत्साहित कर रहे हैं आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट और हमारे आदिवासी इलाकों में फार्मिंग और बागवानी के लिए अनेक अवसर बनने वाले हैं, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स हों, बांस उत्पाद हों, अन्य जनजातीय उत्पाद हों, उनके लिए नए मार्केट का द्वार खुलने वाला है। लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड रणनीति की घोषणा की गई है, उसका भी लाभ हर राज्य को होगा, जिसके लिए ज़रूरी है कि हम हर ब्लॉक, हर जिले में ऐसे प्रोडक्ट्स की पहचान करें, इनका प्रसंस्करण या विपणन करके एक बेहतर प्रोडक्ट हम देश-दुनिया के बाज़ार में उतार सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जितनी भी घोषणाएं की गई हैं, वो एक निश्चित समयसीमा के भीतर जमीन पर उतरे, इसके लिए हमें एकजुट होकर काम करना है।