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Saturday 20 June 2020 06:53:34 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार से ‘ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान’ की शुरुआत की। यह व्यापक रोज़गार सृजन-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य सृजन अभियान है, जिसका उद्देश्य उन क्षेत्रों और गांवों में आजीविका के अवसरों को सशक्त बनाना और प्रदान करना है, जहां विनाशकारी कोविड-19 से प्रभावित प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में वापस लौट चुके हैं। वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए इस अभियान का शुभारंभ ग्राम तेलिहार ब्लॉक बेलदौर जिला खगड़िया बिहार से किया गया, इसमें केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राजमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, छह प्रतिभागी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, प्रतिनिधियों आदि लोगों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने बिहार के खगड़िया जिले में तेलीहर के ग्रामीणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया, जहां से औपचारिक रूपसे प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण रोज़गार योजना का शुभारम्भ किया गया। प्रधानमंत्री ने प्रवासियों से उनके रोज़गार की वर्तमान स्थिति और लॉकडाउन के दौरान शुरू की गईं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी हांसिल की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में ग्रामीण भारत मजबूती के साथ खड़ा है तथा इस संकट के दौर में पूरे देश और दुनिया को प्रेरणा दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों और प्रवासियों के कल्याण को लेकर केंद्र तथा राज्य सरकारें दोनों ही चिंतित रही हैं। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत अभियान को 1.75 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के साथ शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें घर लौटने के इच्छुक प्रवासी कामगारों के लिए विशेष श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस दिन को रोज़गार के माध्यम से गरीबों के कल्याण के लिए शुरू किए गए व्यापक अभियान के रूपमें ऐतिहासिक दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान मजदूर भाइयों-बहिनों, गांवों में रह रहे युवाओं, बहिनों और बेटियों के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से हमारा प्रयास है कि मजदूरों और कामगारों को उनके घर के निकट ही काम दिया जाए।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों में रोजगार, विविध कार्यों के विकास के लिए 25 कार्य क्षेत्रों की पहचान की गई है, ये 25 कार्य या परियोजनाएं गरीबों के लिए ग्रामीण आवास, पौधारोपण, जल जीवन मिशन के माध्यम से पेयजल के प्रावधान, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी, ग्रामीण सड़कें, मवेशी घर जैसे अन्य बुनियादी ढांचे, आंगनवाड़ी भवन आदि से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। उन्होंने कहा कि युवाओं और बच्चों की सहायता के लिए हर ग्रामीण घर को हाई स्पीड और सस्ता इंटरनेट बड़ी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहली बार है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा इंटरनेट उपयोग हो रहा है, इसलिए फाइबर केबल बिछाने और इंटरनेट उपलब्ध कराने को भी इस अभियान में शामिल किया गया है। ये कार्य अपने गांव और अपने परिवार के साथ रहते हुए किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर किसान समान रूप से आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनचाहे नियमों और शर्तों को हटाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे किसान देश के किसी भी हिस्से में मुक्त रूपसे अपनी उपज को बेच सकें और फसल का बेहतर मूल्य देने वाले व्यापारियों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ सकें। नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को बाजार से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जा रहा है और सरकार ने कोल्ड स्टोरेज आदि जैसे लिंकेज के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये का निवेश उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि यह 125 दिन का यह अभियान मिशन के रूपमें काम करेगा, इसमें 116 जिलों में 25 श्रेणी के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यांवयन पर ध्यान केंद्रित होगा, इसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर ज्यादा जोर होगा। इस अभियान के दौरान कराए गए सार्वजनिक कार्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन निर्धारित होंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय इस अभियान का नोडल मंत्रालय है और इसे राज्य सरकारों के सामंजस्य में लागू किया जाएगा। संयुक्त सचिव और इससे ऊपर की रैंक के केंद्रीय नोडल अधिकारियों को चिह्नित जिलों में अभियान की विभिन्न योजना के प्रभावी और समयबद्ध कार्यांवयन के लिए नियुक्त किया जाएगा।
ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकृत ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार और कृषि का मिला-जुला प्रयास है। इसके माध्यम से 25 सार्वजनिक आधारभूत ढांचागत कार्य और आजीविका के अवसर बढ़ाने से संबंधित कार्यों का कार्यान्वयन किया जाएगा। इस पहल के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-वापस लौटने वाले कामगारों और प्रभावित ग्रामीण कामगारों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना। गांवों में सार्वजनिक आधारभूत ढांचे का विस्तार और सड़क, आवास, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, विभिन्न आजीविका संपदाएं और सामुदायिक भवन आदि आजीविका के अवसर तैयार करना। विविध प्रकार के कार्यों के समूह से सुनिश्चित होगा कि हर प्रवासी कामगार को आने वाले 125 दिन में उसके कौशल के आधार पर रोज़गार के अवसर मिले। यह कार्यक्रम दीर्घावधि में आजीविका के विस्तार और विकास के लिए भी तैयार होगा।