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Wednesday 1 July 2020 07:01:31 PM
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक वर्चुअल समारोह में प्रोग्रामिंग एवं डेटा साइंस में विश्व का पहला ऑनलाइन बीएससी डिग्री पाठ्यक्रम लॉंच किया है। इस पाठ्यक्रम को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने पेश किया है, जिसे एनआईआरएफ की भारत रैंकिंग 2020 में पहला स्थान हासिल है। यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए है, जिन्होंने दसवीं कक्षा के स्तर पर अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है और किसी भी संस्थान में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में दाखिला ले रहे हों। इस कार्यक्रम में आईआईटी मद्रास में संचालक मंडल के अध्यक्ष, आईआईटी मद्रास के संकाय एवं निदेशक और एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ पवन कुमार गोयनका, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अपर सचिव प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, राकेश रंजन और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
डेटा साइंस सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, जो एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2026 तक 11.5 मिलियन नौकरियों का सृजन करेगा। ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसा प्रचलन है, जिसे बड़े पैमाने पर उच्चगुणवत्ता की शिक्षा के लिए तेजी से अपनाया जा रहा है। आईआईटी मद्रास के संकाय ऑनलाइन शिक्षा प्रक्रिया का उपयोग करके इस क्षेत्र की आवश्यकता को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने एक समावेशी और सस्ती शिक्षा मॉडल पेश किया है, जो आईआईटी के दायरे का विस्तार करेगा। रमेश पोखरियाल ने प्रोग्रामिंग एवं डेटा साइंस में विश्व का पहला ऑनलाइन बीएससी डिग्री पाठ्यक्रम का शुभारम्भ के लिए आईआईटी मद्रास की टीम को बधाई दी। उन्होंने बताया कि 2020 में बारहवीं कक्षा पूरा करने वाले छात्रों का मौजूदा बैच इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने का पात्र है, स्नातक और नौकरी कर रहे पेशेवर भी इस कार्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं। रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस अनूठी पेशकश में उम्र, अध्ययन के विषय या भौगोलिक स्थिति के सभी अवरोधों को दूर रखा गया है और डेटा विज्ञान में विश्व स्तरीय पाठ्यक्रम सबके लिए सुलभ जिसकी कुशल पेशेवरों के बीच भारी मांग है।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि आईआईटी मद्रास का निरंतर नवाचार और सफलता का समृद्ध इतिहास है और एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2020 में पहला स्थान हासिल करना इसकी टीम की प्रतिभा, मिशन और दृष्टि को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि विश्लेषण से पता चलता है कि हर साल 7 से 7.5 लाख भारतीय छात्र बेहतर शिक्षा की तलाश में विदेश जाते हैं और इससे हमारी प्रतिभा के साथ-साथ हमारा राजस्व भी देश से बाहर जाता है। आईआईटी मद्रास जैसी संस्थाओं के पास देश में इस तरह की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अद्वितीय पाठ्यक्रम लाकर आत्मनिर्भरता की ओर देश को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए दृष्टि और मिशन दोनों हैं। रमेश पोखरियाल ने कहा कि जो छात्र अभी देश में कहीं भी अलग ऑन-कैंपस कार्यक्रम में दाखिला ले चुके हैं, वो अपने करियर या पाठ्यक्रम को बदले बिना भी इस डिग्री पाठ्यक्रम में नामांकन करा सकते हैं, यहां तककि वे नियोक्ता भी जो अपने कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाना चाहते हैं, कर्मचारियों के उत्पादन समय में बिना किसी नुकसान के इस विकल्प पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम आकर्षक क्षेत्र में छात्रों के लिए नौकरी की संभावनाओं को तेज करता है, कामकाजी पेशेवरों को करियर बदलने का अवसर प्रदान करता है और साथ ही आईआईटी मद्रास जैसे मान्यता प्राप्त संस्थान से डिग्री प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करता है।
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय धोत्रे भी पाठ्यक्रम के शुभारंभ पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि छात्रों और पेशेवरों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने और समय तथा स्थान की बाधाओं के भीतर काम करने के लिए अपने ज्ञान को उन्नत करना जारी रखना होता है, जो कोविड-19 की स्थिति के कारण और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि डेटा विज्ञान एवं प्रोग्रामिंग उद्योग के लिए विकास का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में ऑनलाइन डिग्री का अवसर मुहैया कराकर आईआईटी मद्रास कई और छात्रों तक पहुंचने में सक्षम होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि यह पाठ्यक्रम अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े छात्रों तक पहुंचेगा और इस तरह राष्ट्र के विकास के लिए अमूल्य योगदान देगा। पाठ्यक्रम को एक अत्याधुनिक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए चलाया जाएगा और यह देश के दूरदराज के इलाकों के शिक्षार्थियों को आकर्षित करेगा, जहां डिजिटल साक्षरता की पहुंच न्यूनतम है और इस तरह उन्हें अपने कैरियर की तलाश में आगे रहने में मदद करेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म छात्रों को कक्षा में बैठकर पढ़ाई करने या सीखने जैसा अनुभव कराए, पाठ्यक्रम में संकाय से वीडियो, छात्रों को सीधे साप्ताहिक असाइनमेंट्स, नियमित पाठ्यक्रमों की तरह ही परीक्षाएं भी ली जाएंगी।
ऑनलाइन बीएससी डिग्री पाठ्यक्रम आंकड़ों का प्रबंधन करने, प्रबंधकीय अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए पैटर्न को समझने, प्रतिरूपों का पता लगाने में सहायता करने वाले मॉडल बनाने सहित कई काम में छात्रों के कौशल को बेहतर बनाएगा ताकि वे प्रभावी व्यापारिक फैसले ले सकें। पाठ्यक्रम को तीन अलग-अलग चरणों में पेश किया जाएगा-फाउंडेशनल प्रोग्राम, डिप्लोमा प्रोग्राम और डिग्री प्रोग्राम। पाठ्यक्रम के प्रत्येक चरण में छात्रों को पाठ्यक्रम छोड़ने और आईआईटी मद्रास से क्रमशः प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या एक डिग्री प्राप्त करने की आजादी होगी। पात्रता के आधार पर इच्छुक उम्मीदवारों को एक फॉर्म भरना होगा और क्वालीफायर परीक्षा के लिए 3000 रुपये का मामूली शुल्क देना होगा। छात्रों को 4 सप्ताह के लिए 4 विषयों गणित, अंग्रेजी, सांख्यिकी और कम्प्यूटेशनल सोच की पढ़ाई करनी होगी। इन छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम व्याख्यान दिए जाएंगे, ऑनलाइन असाइनमेंट जमा करने होंगे और 4 सप्ताह के अंत में एक व्यक्तिगत स्तर पर क्वालिफायर परीक्षा देंगे। आईआईटी की विशिष्ट प्रवेश प्रक्रियाओं के विपरीत इस कार्यक्रम में वे सभी छात्र जो 50% के कुल स्कोर के साथ पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किए हों, वे फाउंडेशनल प्रोग्राम में पंजीकरण के लिए पात्र होंगे।