स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 2 July 2020 03:08:01 PM
इस्लामाबाद। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के विमानों के यूरोप में दाखिल होने पर छह माह की पाबंदी लगा दी गई है। यह बात पीआईए और पाकिस्तान की एविऐशन मिनिस्ट्री ने कही है। पाकिस्तान के अनेक विमान चालकों के लाइसेंस फर्जी हैं। यह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का पाकिस्तान की एसेंबली में कबूलनामा है, जो एसेंबली में पेश की गई सरकार की जांच एजेंसी की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसके बाद एविऐशन के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में विमानयात्रियों की जानमाल की सुरक्षा को लेकर खलबली मची है। यूरोपीय देशों ने भी पाया है कि पाकिस्तान के अधिकांश विमान चालकों के लाइसेंस फर्जी हैं, जिससे यात्रियों की जान-माल का बड़ा भारी खतरा है, इसलिए फिलहाल छह माह के लिए पाकिस्तान की एयरलाइंस को यूरोप में प्रवेश के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पाकिस्तान सरकार और यहां के मीडिया में यह मामला जोरों पर चर्चा में है और इसे पाकिस्तान की बहुत बड़ी बदनामी बेज्जती और झटका माना जा रहा है, पाकिस्तानी एयरलाइंस का इससे करोड़ों रुपये का नुकसान होने जा रहा है सो अगल। पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने फर्जी पायलेट की बात एसेंबली में स्वीकार करके अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान का बड़ा नुकसान कर दिया है, यद्यपि यह बात पांच साल से हो रही है कि पाकिस्तान एयरलाइंस में फर्जी पायलेट हैं और जब उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाने लगी तो वे कोर्ट से स्टे ले आए। पाकिस्तानी दानिश्वरों का कहना है कि इससे पाकिस्तान पर कोई भी देश भरोसा नहीं करेगा, क्योंकि यह बेहद गंभीर मामला है, जिसकी पाकिस्तान एसेंबली में स्वीकारोक्ति भी हो चुकी है। ब्रिटिश सरकार भी काफी पहले इसी कारण से पाकिस्तान के विमानों पर प्रतिबंध लगा चुकी है। वियतनाम सरकार और यूएई भी फर्जी पाकिस्तानी विमान चालकों का मुद्दा उठा चुके हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में इस मामले पर बड़ी बहस हो रही है और पाकिस्तानी जनता में भी इसकी प्रतिक्रिया है और कहा जा रहा है कि इससे पाकिस्तान की बहुत बेइज्जती हो रही है। पाकिस्तानी मीडिया इमरान सरकार से पूछ रहा है कि अब अगर हमारे जहाज यूरोप नहीं जाएंगे तो फिर कहां जाएंगे, दुनिया में हमारी नाकेबंदी हो रही है, यह हमारे लिए बहुत बड़ा सैडबैक है। पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर पैनलिस्ट का कहना है कि पाकिस्तान ने इस प्रकार अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है, क्योंकि पाकिस्तान में फर्जी विमान चालकों की बात पहले से ही होती आ रही है और यदि इस पर ध्यान दिया जाता तो यह बदनामी नहीं होती। उनका कहना है कि इसका बुरा असर पाकिस्तानी एयरलाइंस और पाकिस्तान की इंटीग्रिटी पर होगा, यह पाकिस्तान पर एक हमला है जो पाकिस्तान के ही कारण हुआ है। कहा जा रहा है कि यह बात पाकिस्तान के हुक्मरानों को मालूम थी कि पाकिस्तान एयरलाइंस के अधिकांश पायलेटों के लाइसेंस फर्जी हैं, लेकिन इसको नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है, इस तरह पाकिस्तान किस मुल्क में जाएगा क्योंकि यह मसला जहाज की सुरक्षा का मसला है, जिससे कोई भी समझौता नहीं करेगा।
पाकिस्तान के पास 36 जहाज है और 800 पायलट हैं, इसलिए यह भी सवाल उठ रहा है कि यह 800 पायलट किसने और किसलिए रखे गए हैं। पाकिस्तान के एविऐशन मिनिस्टर एसेंबली में खड़े होकर कहते हैं कि हमारे पास बहुत अच्छे पायलट हैं, लेकिन उनकी सच्चाई सामने आ चुकी है, यह दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, दुनिया में कोई मुल्क पाकिस्तान के फर्जी पायलेटों को जॉब नहीं देगा और पाकिस्तान सरकार भी अपने पायलेट पर उंगली उठा चुकी है एवं प्रधानमंत्री इमरान खान का इसपर एक ही जुमला पाकिस्तान एयरलाइंस का अरबों रुपयों का नुकसान कर गया है। पाकिस्तान सरकार ने यूरोपियन देशों से 30 जुलाई तक की अनुमति मांगी है, लेकिन यूरोप इसके लिए तैयार नहीं है। पाकिस्तान एयरलाइंस ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि इतनी सारी टिकटें बिक चुकी हैं, जिनका धन वापस करना पड़ेगा जिससे उसे बड़ा भारी नुकसान होगा। पाकिस्तान में कई विकल्पों पर सोचा जा रहा है। जिनमें एक विकल्प यह भी है कि इन पायलेटों से काम भी लिया जाए और इनका वेतन आधा कर दिया, क्योंकि इनको नहीं हटाने के पीछे कानूनी कारण हैं।
पाकिस्तान के जानकारों का कहना है और उनका सवाल भी हैकि जब यह रिपोर्ट आ ही चुकी है कि पाकिस्तान में अधिकांश पायलेट्स के लाइसेंस फर्जी हैं और इस दौरान अगर और भी पाकिस्तान एयरलाइंस के साथ कोई बड़ा हादसा हो जाता है और उसमें भी उसका पायलेट फर्जी पाया जाता है, तब पाकिस्तान एयरलाइंस और पाकिस्तान सरकार के पास क्या जवाब होगा? तब उसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मजे की बात यह है कि पाकिस्तान के फर्जी पायलेट अपने बचाव में सीना तानकर खड़े हुए हैं और पाकिस्तान सरकार में उनकी पैरवी भी की जा रही है।