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Tuesday 09 April 2013 10:26:28 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को नये-नये खोज और अनुसंधान संस्थान के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हमारे विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की सबसे बड़ी चुनौती गुणवत्ता की है, हमें वर्तमान शिक्षा प्रणाली में तेजी से बदलाव करने पड़ेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी विचार प्रक्रिया में दक्षता और श्रेष्ठता की संस्कृति विकसित करनी पड़ेगी। प्रणब मुखर्जी मंगलवार को कुरूक्षेत्र में एनआईटी के दीक्षांत समारोह में भाषण दे रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो रही है, ऐसे में नये-नये खोज, अनुसंधान और टेक्नोलॉजी उन्न्यन से ही भविष्य के लिए विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। हाल की फोर्बस सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विश्व की खोजी और अनुसंधान परक कंपनियों में भारत की केवल तीन कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की अगर भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान खोज और अनुसंधान को स्थाई गुण बना लें तो ऐसे सर्वेक्षणों में भारतीय कंपनियों की संख्या बढ़ेगी। राष्ट्रपति ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में शोध की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर उन्होंने 17 स्नाकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिया।