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Friday 10 July 2020 02:37:18 PM
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की बैठक में अधिकारियों को आंगनवाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ करने संबंधी सुझाव देते हुए कहा है कि गुजरात मॉडल के तर्ज पर प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुविधानुसार शौचालय, पेयजल का नल, प्लेट रखने का स्टैंड तथा डस्टबिन रखने का स्थान बच्चों की ऊंचाई के अनुरूप ही होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पौष्टिक पोषाहार उपलब्ध कराया जाए, पौष्टिक आहार देने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच निश्चित रूपसे होनी चाहिए कि इसमें भरपूर पौषक तत्व मौजूद हैं, बच्चों को प्रेरित करने के लिये दीवारों पर उनकी अवस्था के अनुसार सद्वाक्य लिखे जाएं, आंगनवाड़ी केंद्रों के भवनों को बाहर से आकर्षक रंगों से रंगा होना चाहिए, अंदर की दीवारों पर नीचे की तरफ से 3 फीट तक काला रंग करना चाहिए, ताकि बच्चे कुछ लिख या चित्र बना सकें। उन्होंने कहा कि 3 फीट से ऊपर दीवार पर अलग-अलग प्रकार की पेंटिंग करानी चाहिए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि चित्रों के माध्यम से बच्चे आसानी से और जल्दी सीखते हैं, इस दृष्टि से आंगनवाड़ी केंद्रों की आंतरिक व बाह्य दीवारों पर मानव शरीर का चित्र बनाया जाए तथा बाह्य व आंतरिक अंगों का विवरण लिखा जाए, बच्चों को पर्यावरण की जानकारी देने के लिए दीवारों पर पर्यावरण संबंधी पेंटिंग बनाई जाए, इसी प्रकार पक्षियों और शाकभाजी आदि के नाम भी लिखे जाएं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए, क्योंकि प्राथमिक शिक्षा सुदृढ़ होने पर ही माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा। उन्होंने कहा कि हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला के साथ गिनती के अंकों को भी दर्शाया जाए, बच्चों की जानकारी हेतु उनके परिवार से संबंधित परिवार वृक्ष भी दीवार पर बनाया जाए, जिसमें उनके माता-पिता के साथ ही दादा, दादी, नाना, नानी आदि सभी को दर्शाया जाए। उन्होंने कहा कि एक निश्चित तिथि पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का प्रवेश उत्सव मनाया जाए, इस अवसर पर गांव के सभी लोग, जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी सम्मिलित हों।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का भी ध्यान रखा जाए और पौष्टिक आहार के साथ-साथ उन्हें अच्छी कहानियां सुनाई जाएं। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपना सालभर का कार्यक्रम तैयार कर उसीके अनुरूप कार्यक्रम चलाया जाए। बैठक में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग स्वाती सिंह, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा एच चौहान, निदेशक बाल पुष्टाहार तारिका मोहन, विशेष कार्याधिकारी केयूर सम्पत और अधिकारी उपस्थित थे। राज्यपाल ने इसके बाद वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से वाराणसी के आंगनवाड़ी केंद्रों को गुजरात मॉडल के तर्ज पर सुचारू रूपसे चलाने के लिए अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी वाराणसी भी ऑनलाइन शामिल हुए।