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Friday 10 July 2020 05:45:23 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने शासन में लोगों की भागीदारी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप हितधारकों और आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने के लिए नौवहन सहायता विधेयक-2020 का मसौदा जारी किया है। यह मसौदा लगभग नौ दशक पुराने लाइट हाउस अधिनियम-1927 को बदलने के लिए लाया गया है, ताकि इसमें सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं, तकनीकी विकास और समुद्री नौवहन के क्षेत्र में भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को समाहित किया जा सके।
केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि यह पहल उनके मंत्रालय की पुरातन औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त करने और उसके स्थान पर समुद्री परिवहन क्षेत्र की आधुनिक एवं समकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप नई व्यवस्था करने के सक्रिय दृष्टिकोण का हिस्सा है। राज्यमंत्री ने कहा कि जनता और हितधारकों के सुझाव कानून के प्रावधानों को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि नौवहन सहायता विधेयक का उद्देश्य समुद्री नौवहन की अत्याधुनिक तकनीकों को विनियमित करना है, जो पहले लाइट हाउस एक्ट-1927 के वैधानिक प्रावधानों में उलझी हुई थी। मसौदा विधेयक पोत परिवहन सेवाओं, रेक फ़्लैगिंग, प्रशिक्षण और प्रमाणन तथा उन अंतर्राष्ट्रीय संधियों जिनपर भारत हस्ताक्षर कर चुका है के तहत अन्य दायित्वों के निर्वहन के लिए प्रकाशस्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशालय को अतिरिक्त अधिकार और शक्तियां प्रदान करता है, इसमें प्राचीन धरोहरों के रूपमें मौजूद प्रकाश स्तंभों की पहचान करने और उनका विकास करने की भी व्यवस्था है।
मसौदा विधेयक में नौवहन में बाधा डालने और किसी तरह का नुकसान पहुंचाने तथा केंद्र सरकार और अन्य निकायों के निर्देशों का अनुपालन नहीं किए जाने पर दंडात्मक व्यवस्थाओं और ऐसे कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखने के लिए एक नई सूची बनाई गई है। समुद्री नौवहन के लिए उन्नत आधुनिक तकनीकी से लैस सहायक उपकरणों के आ जाने से समुद्री नौवहन को विनियमित करने और संचालित करने वाले अधिकारियों की भूमिका भी काफी बदल गई है, इसलिए प्रस्तावित नए कानून में प्रकाशस्तंभ के स्थान पर नौवहन के लिए आधुनिक सहायक सामग्रियों के इस्तेमाल पर बल दिया गया है। विधेयक का मसौदा प्रकाशस्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशालय की वेबसाइट http://www.dgll.nic.in/Content/926_3_dgll.gov.in.aspx पर अपलोड कर दिया गया है, जहां आम नागरिक विधेयक के मसौदे के बारे में अपने सुझाव और राय ई-मेल पते atonbill2020@gmail.com पर 24 जुलाई 2020 तक भेज सकते हैं।