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गोल का फेसबुक इंडिया के साथ वेबिनार

कार्यक्रम अनुसूचित जनजाति के युवकों के भविष्य के लिए

अनुसूचित जनजाति संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का संवेदीकरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 11 July 2020 01:54:56 PM

goal (going online as leaders) program

नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने गोईंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स (गोल) परियोजना पर भारत के अनुसूचित जनजाति संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के संसद सदस्यों के संवेदीकरण के लिए फेसबुक इंडिया के साथ वेबिनार की मेजबानी की। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता, कई संसद सदस्यों एवं जनजातीय मामले मंत्रालय तथा माईगॉव और फेसबुक इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने वेबिनार में भाग लिया। वेबिनार को संबोधित करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि गोईंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स एक डिजिटल कौशल निर्माण एवं संरक्षण पहल है, जो डिजिटल तंत्रों के जरिए पूरे भारत के अनुसूचित जनजाति के युवकों को व्यक्तिगत रूपसे संरक्षण प्रदान करने के लिए व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, कला एवं उद्यमशीलता से जुड़े क्षेत्रों के विख्यात नेता एवं विशेषज्ञों को इससे जोड़ेगी।
जनजातीय मामलों के मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम अनुसूचित जनजाति के युवकों को भविष्य में बदलाव लाने वालों के रूपमें अधिकारसंपन्न एवं सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल मुख्य रूपसे जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले युवकों के क्षमता निर्माण को लक्षित करती है, जो उन्हें उनका आत्मविश्वास स्तर बढ़ाने एवं उनमें उच्च आकांक्षा भरने के लिए उन्हें प्रेरित, दिशा निर्देशित और प्रोत्साहित करेगी। अर्जुन मुंडा ने कहा कि अर्जित कौशल एवं क्षमताएं उन्हें नेतृत्व कौशलों को हासिल करने, उनके समाज की समस्स्याओं का पता लगाने, चुनौतियों से लड़ने के लिए समाधानों को ढूंढने तथा उनकी आजीविका में सहायता करने के लिए तथा समाज में सामाजिक और आर्थिक दर्जा प्राप्त करने के लिए उनके ज्ञान का उपयोग करने में मदद करेगी। संरक्षण कार्यक्रम के मुख्य क्षेत्र हैं-डिजिटल साक्षरता, जीवन कौशल तथा उद्यमशीलता। उन्होंने अनुसूचित जनजाति के युवकों से मोबाइल फोन का उपयोग जीवन में अपने लक्ष्य को अर्जित करने के एक माध्यम के रूपमें करने की अपील की।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य के साथ फेसबुक जैसी सोशल मीडिया के साथ जुड़ना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि गोल उनके रचनात्मक विचारों के आदान-प्रदान के लिए संरक्षक और संरक्षण प्राप्त करने वाले के बीच एक सेतु का काम करेगा, क्योंकि गोल का उद्देश्य उनके लिए अवसरों का सृजन करना है। रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि अपनी रचनात्मक क्षमताओं के बावजूद जनजातियां अलग-थलग पड़ जाती थीं, लेकिन अब गोल जैसे डिजिटल माध्यम के जरिए उन्हें अपनी रचनात्मक क्षमता प्रदर्शित करने के जरिए अगले चरण में आने का अवसर भी प्राप्त होगा। जनजातियों को डिजिटल मंचों पर आने की आवश्यकता है। उन्होंने जनजातीय महिलाओं से बड़ी संख्या में गोल के साथ जुड़ने की अपील की, क्योंकि यह उनके जीवन को रूपांतरित कर देगा। अनुसूचित जनजाति संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के संसद सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा गोल पर बहुमूल्य सुझाव दिए। गोईंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स जनजातीय मामले मंत्रालय की फेसबुक इंडिया की साझीदारी में एक पहल है, जो डिजिटल प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाने के जरिए भविष्य का नेता बनने के लिए अनुसूचित समुदायों के 5000 युवकों को डिजिटल तरीके से कौशल प्रदान करेगी एवं अधिकार संपन्न बनाएगी।
गोल परियोजना का लक्ष्य पूरे भारत के जनजातीय क्षेत्र के युवकों को व्यक्तिगत रूपसे संरक्षण प्रदान करने के लिए उद्योग (नीति निर्माता एवं प्रभाव डालने वाले), शिक्षक, कलाकार, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता आदि अपने कार्य क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के लिए विख्यात 2500 लोगों की पहचान करना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम का लक्ष्य तैयारी एवं डिजाइन चरण सहित संरचित चरणों में काम करना, संरक्षकों एवं संरक्षण प्राप्त करने वालों का चयन करना, निष्पादन जिसमें संरक्षण, प्रशिक्षण, प्रशिक्षुता आदि शामिल है और युवाओं से जुड़ी आर्थिक एवं नेतृत्व गतिविधियां की अनुवर्ती कार्रवाई करना है। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आरंभिक सहायता प्रदान करना है, भले ही वे आगामी रोज़गारों के लिए स्नातक हो चुके होते हैं या सरकारी स्कीमों के जरिये स्वरोज़गार/ उद्यमशीलता पहलों से जुड़ चुके होते हैं। इसका उद्देश्य गुणवत्ता आश्वासन, निगरानी, सामयिक मूल्यांकन नवाचारों का एक मजबूत घटक तलाशना है तथा यह निरंतर सुधार, निर्णय निर्माण तथा संधारणीयता के लिए विश्लेषकों एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है। इसका लक्ष्य संरक्षकों एवं संरक्षण प्राप्त करने वालों का 1:2 का अनुपात रखने का है। प्रत्येक संरक्षण प्राप्त करने वाले के साथ जुड़ाव नौ महीने या 36 सप्ताह के लिए होगा-एक महीने से सात महीने (28 सप्ताह) जनजातीय समुदायों के संरक्षण प्राप्त करने वालों को संरक्षकों से जोड़ा जाएगा। आठ महीने से नौ महीने चयनित संरक्षण प्राप्त करने वालों को विख्यात संगठनों में प्रशिक्षुता का अवसर मिलेगा। संरक्षकों एवं संरक्षण प्राप्त करने वालों के आवेदक अपने बारे में मूल जानकारी उपलब्ध कराने के जरिए goal.tribal.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं।
संरक्षकों या संरक्षण प्राप्त करने वाले किसी भी आवेदक को कोई आर्थिक पारितोषिक नहीं दिया जाएगा। अगर किसी को गोल कार्यक्रम से संबंधित कोई प्रश्न है तो इच्छुक जनजातीय युवा facebook-goal@tribal.gov.in को लिख सकते हैं या गोल पोर्टल पर हमसे संपर्क करें खंड के जरिये संपर्क कर सकते हैं। जनजातीय समुदायों के 18 से 35 वर्ष की आयु के बीच के युवा संरक्षण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह जनजातीय समुदायों के युवाओं, चाहे वे किसी शैक्षणिक संस्थान के हिस्से हों या नहीं हों या किसी प्रकार के पेशे में हों या कोई प्रशिक्षण ले रहे हों, के लिए खुला हुआ है। व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, कला और उद्यमशीलता के क्षेत्र के जो विशेषज्ञ जनजातीय समुदायों के युवाओं को अपने समुदायों के लिए गांव स्तर के डिजिटल युवा नेता बनने के लिए प्रेरित, दिशा-निर्देशित तथा प्रोत्साहित कर सकते हैं, वे संरक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के लिए संरक्षक से पूरे कार्यक्रम की अवधि के लिए समय की प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। आवश्यक नहीं है कि आवेदन करने की एक शर्त के रूपमें संरक्षक जनजातीय या अनुसूचित जनजाति पृष्ठभूमि का हो। जनजातीय मामले मंत्रालय ने अपने सामान्य सेवा केंद्रों के मजबूत नेटवर्क का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझीदारी किया है। जनजातीय समुदायों के युवा कार्यक्रम के तहत आवेदन करने के लिए अपने निकटतम सीएससी जा सकते हैं। जैसे ही जनजातीय समुदाय का कोई युवा कार्यक्रम के लिए चयनित हो जाता है, उसे एक वर्ष की इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा।
परियोजना की प्रदायगी फेसबुक मैसेंजर एवं व्हाट्सअप जैसे वीडियो आधारित तंत्रों का उपयोग करके डिजिटल तरीके से की जाएगी। संरक्षक एवं संरक्षण प्राप्त करने वाले इन ऐप्स के जरिये परस्पर संपर्क करेंगे और सभी मैटेरियल केवल डिजिटल प्रारूप में ही उपलब्ध कराया जाएगा। संरक्षण प्राप्त करने वालों को एक वर्ष की इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्ट फोन, जनजातीय मामले मंत्रालय एवं फेसबुक द्वारा भागीदारी का संयुक्त प्रमाणपत्र, संरक्षक द्वारा स्वीकरन पत्र, किसी विख्यात निजी/सरकारी संगठन में प्रशिक्षुता का अवसर, स्थानीय/ राज्य/ राष्ट्रीय स्तरपर मजबूत उपस्थिति एवं स्वीकरन, उद्योग जगत की हस्तियों के साथ परस्पर संपर्क का अवसर एवं राज्य/ राष्ट्रीयस्तर पर फेसबुक एवं जनजातीय मामले मंत्रालय के समारोहों में प्राथमिकतापूर्ण पहुंच जैसे लाभ प्राप्त होंगे। संरक्षकों को इस प्रोग्राम के तहत जनजातीय मामले मंत्रालय एवं फेसबुक की भागीदारी का संयुक्त प्रमाणपत्र, उद्योग के पेशेवर लोगों, प्रभाव डालने वाले लोगों सहित समान विचारधारा वाले समकक्ष समूहों के साथ परस्पर बातचीत का अवसर, जनजातीय मामले मंत्रालय एवं फेसबुक द्वारा आयोजित राज्य स्तर के समारोहों में प्राथमिकतापूर्ण पहुंच, उनकी प्रोफाइल संरक्षक के रूपमें पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी तथा व्यवसाय एवं राजनेताओं से मिलने का अवसर मिलेगा।

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