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Tuesday 14 July 2020 04:48:19 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सड़क बनाने वाली भारी मशीनरी मोटर वाहन नहीं हैं और वे मोटर वाहन अधिनियम के दायरे में नहीं आती हैं। परिवहन मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे इन मशीनों के पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस पर जोर न दें। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन विभागों को एक पत्र के जरिए बताया है कि उसे रोड बिल्डिंग एंड रिहैबिलिटेशन उपकरणों के संबंध में कई जानकारियां मिली हैं, जिनमें केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के तहत कोल्ड रिसाइकलिंग मशीनों और सॉइल स्टैबिलाइजिंग मशीनों के पंजीकरण के संबंध में चिंता जताई गई है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह और स्पष्ट किया है कि कोल्ड मिलिंग मशीनों का उपयोग एस्फाल्ट सामग्री को प्राप्त करने के लिए सड़क पर मौजूदा कोलतार की परतों को हटाने, उसे जमा करने और खनन एवं क्रशिंग की सहायक लागत को घटाने में किया जाता है, साथ ही निकाले गए बिटुमिन से कोलतार की बचत होती है, जिससे अंतत: विदेशी मुद्रा की बचत होती है। नियोक्ता द्वारा कंसेसियनार को दिया गया कार्य एक निश्चित भूखंड के भीतर होता है, इसलिए ये उपकरण एक निर्धारित क्षेत्र में ही काम करते हैं। इसके अलावा उपर्युक्त उपकरणों की परिचालन गति 5-10 किलोमीटर प्रति घंटा होती है और इन उपकरणों को ट्रेलरों के माध्यम से कार्यस्थल पर तैनात किया गया है। हैवी अर्थमूविंग मशीनरी संबंधी प्रस्तुतियों में एचईएमएम उपकरणों के पंजीकरण और उनके परिचालन के संबंध में चिंता जताई गई है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि डंपर, पेलोडर, शोवेल, ड्रिल मास्टर, बुलडोजर, मोटर ग्रेडर और रॉक ब्रेकर जैसे एचईएमएम उपकरणों को 'ऑफ द रोड' परिचालित और पूरी तरह खदान प्रबंधक के प्रबंधन, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण के तहत संचालित उपकरणों की श्रेणी में भी रखा गया है। इनका उपयोग खान की सीमा के बाहर कभी नहीं किया जाता है। मोटर वाहन की परिभाषा के लिए मंत्रालय का पत्र मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 2 (28) पर ध्यान आकर्षित करता है। इसके तहत कहा गया है कि मोटर वाहन का अर्थ सड़कों पर उपयोग के लिए मशीन चालित कोई भी वाहन जिसे किसी बाहरी अथवा आंतरिक स्रोत से शक्ति मिले और जिसमें एक चेसिस पर बॉडी को तैयार किया गया हो, लेकिन इसमें उन वाहनों को शामिल नहीं किया गया है, जो एक निर्धारित रेल पर चलता हो अथवा जिसका इस्तेमाल किसी कारखाने या किसी निश्चित सीमा के भीतर किया जाता हो अथवा पच्चीस घन सेंटीमीटर से कम क्षमता के इंजन के साथ चार से कम पहिये लगे हों।
ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता के लिए मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 3 (1) में है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन तबतक नहीं चलाएगा, जबतक उसे वाहन चलाने के लिए अधिकृत प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस न प्रदान किया जाए, साथ ही कोई भी व्यक्ति मोटर कैब या मोटरसाइकिल के अलावा किसी भी परिवहन वाहन को स्वयं के अथवा किराए पर लिए गए वाहन को तब तक नहीं चलाएगा, जबतक धारा 75 की उप-धारा (2) के तहत उसे विशेष ड्राइविंग लाइसेंस न दिया गया हो। परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि इस मुद्दे पर सीएमवीआर-टीएससी की 56वीं बैठक में चर्चा की गई थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि कोल्ड मिलिंग मशीन, कोल्ड रिसाइक्लर और सॉइल स्टेबलाइजर मोटर वाहन अधिनियम-1988 की परिभाषा के तहत शामिल नहीं हैं और इन मशीनों के लिए मंजूरी का प्रकार भी नहीं बनाया गया है। इसी प्रकार एचईएमएम जैसे डंपर, पेलोडर, शोवेल, ड्रिल मास्टर, बुलडोजर, मोटर ग्रेडर और रॉक ब्रेकर आदि मशीन मोटर वाहन अधिनियम-1988 की परिभाषा के तहत शामिल नहीं हैं, इसलिए इन उपकरणों के लिए मोटर वाहन अधिनियम-1988 के तहत पंजीकरण के लिए जोर नहीं दिया जा सकता है।