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भारत के कृषि क्षेत्र में पशुधन का 25.6% योगदान

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Tuesday 09 April 2013 10:52:58 AM

नई ‌दिल्‍ली। बारहवीं योजना के अंतर्गत पशुधन क्षेत्र संबंधी योजना एवं कार्यान्‍वयन योजनाओं को बढ़ावा मिलने की संभावना है। पशुपालन, दुग्‍ध एवं मत्स्‍य पालन विभाग को विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत योजना आयोग से 14,179 करोड़ रुपये का आबंटन मंजूर किया गया। राष्‍ट्रीय पशुधन अभियान के तहत 2800 करोड़ रुपये का प्रस्‍ताव भी किया गया है। उल्‍लेखनीय है कि पशुपालन, दुग्‍ध एवं मत्‍स्‍य पालन विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं का पूरा विवरण दिया गया है। रिपोर्ट को dahd.nic.in पर देखा जा सकता है।
भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में पशुधन क्षेत्र के महत्‍व को उजागर करते हुए वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा कीमतों के मद्देनजर 2011-12 के दौरान पशुधन क्षेत्र ने लगभग 4,59,051 करोड़ रुपये के बराबर उत्‍पादन किया, जो कृषि और संबंधित क्षेत्रों के कुल उत्‍पादित मूल्‍य का 25.6 प्रतिशत है। मालूम हो कि भारत विश्‍व में सबसे बड़ा दूध उत्‍पादक देश है। एक अनुमान के अनुसार 2012-2013 के दौरान 133 मिलियन टन दूध के उत्‍पादन का लक्ष्‍य पूरा किया जाएगा। सरकार ने दुधारू पशुओं की उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं।
पिछले कई वर्षों में देश के मुर्गी पालन उद्योग में भी काफी प्रगति हुई है। वर्ष 2011-12 में अण्‍डों का उत्‍पादन लगभग 66.45 अरब रहा। मुर्गे के मांस का उत्‍पादन एक अनुमान के अनुसार 2.47 मिलियन टन होने की संभावना है। मांस उत्‍पादन में भी काफी प्रगति हुई है। दसवीं पंचवर्षीय योजना (2006-07) के अंत तक मांस का उत्‍पादन 2.3 मिलियन टन था, जो 11वीं पंचवर्षीय योजना (2011-12) के अंत तक 5.5 मिलियन टन हो गया। मछली उत्‍पादन में भी भारत विश्‍व में दूसरे स्‍थान पर है। इसी तरह ताजे पानी की मछली उत्‍पादन में भी भारत का दूसरा स्‍थान है। वर्ष 2011-12 के दौरान मत्‍स्‍य उत्‍पादन क्षेत्र ने लगभग 76,699 करोड़ रुपये की मछली उत्‍पादित की।

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