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Tuesday 21 July 2020 02:41:09 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार मशीन निगम यानी आईबीएम का सीईओ बनने के लिए अरविंद कृष्णा को शुभकामनाएं और बधाई दी है। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के साथ आईबीएम के मजबूत जुड़ाव और देश में उसकी व्यापक उपस्थिति का उल्लेख किया। गौरतलब है कि भारत के 20 शहरों में आईबीएम के एक लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। कारोबारी संस्कृति पर कोविड के प्रभाव पर अरविंद कृष्णा से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ को व्यापक स्तर पर अपनाया जा रहा है और इस तकनीकी बदलाव को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार आधारभूत ढांचा, संपर्क और नियामकीय वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में आईबीएम के अपने 75 प्रतिशत कर्मचारियों से घर से काम कराने के फैसले से जुड़ी तकनीक और चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया। नरेंद्र मोदी ने भारत में 200 स्कूलों में एआई पाठ्यक्रम के शुभारम्भ की दिशा में सीबीएसई के साथ भागीदारी में आईबीएम की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार देश में तकनीक को प्रोत्साहन देने को विद्यार्थियों के लिए शुरुआती चरण में एआई, मशीन लर्निंग आदि अवधारणाओं की पेशकश की दिशा में काम कर रही है। आईबीएम के सीईओ ने कहा कि तकनीक और डाटा के बारे में शिक्षा को बीजगणित जैसे बुनियादी कौशलों की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए, साथ ही इसे उत्साह के साथ बढ़ाये जाने की आवश्यकता है और इसे जल्द से जल्द पेश किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह भारत में निवेश का एक अच्छ समय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तकनीक क्षेत्र में निवेश का स्वागत और समर्थन कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ जहां दुनिया में मंदी दिखाई दे रही है, वहीं भारत में एफडीआई का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत के विज़न के साथ आगे बढ़ रहा है, जिससे एक वैश्विक सक्षम और निर्बाध स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जा सकती है। आईबीएम के सीईओ ने प्रधानमंत्री को भारत में अपनी व्यापक निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के विज़न के प्रति भरोसा जाहिर किया। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देने के लिए पिछले छह साल में सरकार के प्रयासों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सर्वश्रेष्ठ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं लोगों की पहुंच में रहें। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत केंद्रित एआई आधारित टूल्स तैयार करने और बीमारी की पूर्व सूचना तथा विश्लेषण के लिए एक बेहतर मॉडल के विकास की संभावनाओं पर बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एक एकीकृत, तकनीक और डाटा चालित स्वास्थ्य प्रणाली के विकास की दिशा में बढ़ रहा है, जो किफायती हो और लोगों के लिए दिक्कतों से मुक्त हो।
आईबीएम के सीईओ ने आयुष्मान भारत के लिए प्रधानमंत्री के विज़न की सराहना की और बीमारियों की जल्दी पहचान के लिए तकनीक का उपयोग किए जाने के बारे में उनसे बात की। इस दौरान डाटा सुरक्षा, साइबर हमले, निजता से जुड़ी चिंताएं और योगा के लाभ जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। आईबीएम का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। इस कंपनी का कारोबार 170 देशों से भी ज्यादा में फैला हुआ है। इसकी शुरुआत 1911 में कम्प्यूटिंग-टैबुलैटिंग-रिकॉर्डिंग कंपनी के नाम से हुई थी, जिसे 1924 में बदल कर इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कर दिया गया था। इसे बिग ब्लू नाम से भी जाना जाता है। ये दुनिया की सबसे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में से एक है, जिसमें 2017 के आंकड़े के अनुसार लगभग 3,80,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं, इन्हें आईबीमर्स के रूपमें जाना जाता है। इनके कर्मचारियों को अब तक 5 नोबल पुरस्कार, 6 टुरिन्ग पुरस्कार, तकनीकी क्षेत्र में 10 और विज्ञान के क्षेत्र में 5 राष्ट्रीय पदक मिल चुके हैं।