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Wednesday 10 April 2013 07:47:03 AM
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और सपा सरकार में मंत्री राजेंद्र चौधरी लोकसभा चुनाव की धुन में लगातार उकसाऊ और भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं, वे सपा के खिसकते जनाधार को बचाने के लिए सांप्रदायिक भाषा शैली और आरोपों का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पांच साल तक बसपा का जंगलराज कायम रहा और समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ लगातार संघर्ष करती रही। केंद्र में अपने को मुख्य विपक्षी दल बताने वाली भारतीय जनता पार्टी, बसपा मुख्यमंत्री के दमन, उत्पीड़न एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने से बचती रही। कांग्रेस पार्टी केंद्र की सत्ता में रहते हुए बसपा की जनविरोधी सरकार को परोक्ष अपरोक्ष शह देती रही है, अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व में लोकतंत्र की बहाली हो गई है, तब भाजपा और कांग्रेस दोनो मतदाताओं को भरमाने और उनके वोट हथियाने के लिए नए-नए स्वांग करते नज़र आ रहे हैं।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि कांग्रेस में जनाधार रहित नेता बड़बोलेपन से अपनी हाजिरी बजा रहे हैं और खुद अपनी ही पार्टी का सिरदर्द बढ़ा रहे हैं, जहां तक भाजपा का सवाल है, वहां निराशा छाई हुई है, जनता लगातार चुनावों में भाजपा को तीसरे चौथे पायदान पर रखती आई है, लोकसभा चुनाव में भी अपनी दाल गलती न देखकर भाजपा का नेतृत्व फिर सांप्रदायिक मुद्दो को उछालने लगा है, जनता भीषण मंहगाई से त्रस्त है, भूख, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार से लोग कराह रहे हैं, भाजपा इनके खिलाफ न तो लड़ रही है और ना हीं इनके खिलाफ अपनी कार्य योजना पेश कर रही है। सपा प्रवक्ता इस समय लोकसभा चुनाव की धुन में हैं और उनके बयान किसी भी तरह राजनीतिक लाभ के लिए राज्य में राजनीतिक एवं सामाजिक अस्थिरता पैदा कर रहे हैं।
सपा प्रवक्ता राज्य के मंत्री भी हैं, उनके आगे और भी आरोप पढ़िए-भाजपा को फिर मंदिर मुद्दा और तुष्टीकरण का मुद्दा ही याद आ रहा है, संत महंत भरमाए जा रहे हैं, आडवाणी को अचानक याद आता है कि बाबरी ध्वंस पर उन्हें फख्र है, नरेंद्र मोदी इस बात का जवाब नहीं देते हैं कि गुजरात में मुसलमानों को अभी भी गोधरा के दंश से क्यों निजात नहीं मिल रही है, गुजरात में मुसलमान आज भी आतंक के साए में है, हिंदू-मुस्लिम के बीच सांप्रदायिक ज़हर फैलाना ही भाजपा का एकमात्र ध्येय रहता है, समाजवादी पार्टी मानती है कि बहुसंख्यक समाज का दायित्व है कि वह अल्पसंख्यको की सुरक्षा करे और उन्हें भी विकास में भागीदार बनाए, धर्मनिरपेक्षता का यही मूल तत्व है। सपा प्रवक्ता कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी सांप्रदायिकता और जातीयता के खिलाफ लड़ती रही है, बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए यादव ने अपनी सरकार को भी खतरे में डाल दिया था, प्रदेश में मुस्लिमों के पूजा स्थलों, कब्रिस्तानों, मदरसों की सुरक्षा के साथ मुस्लिम युवाओं के विकास की गारंटी भी समाजवादी पार्टी सरकार ने दी है।