स्वतंत्र आवाज़
word map

शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो-प्रधानमंत्री

'नई शिक्षा नीति युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है'

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 का ग्रैंड फिनाले संपन्न

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 3 August 2020 04:11:56 PM

narendra modi addresses grand finale of smart india hackathon 2020

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले में कहा है कि छात्र देश के सामने आनेवाली चुनौतियों के समाधानों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि तेजीसे बदलती 21वीं सदी में भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से खुद को भी बदलना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में नवाचार, अनुसंधान, डिजाइन, विकास और उद्यमिता के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षा व्यवस्‍था को और अधिक आधुनिक बनाना है एवं प्रतिभाओं के लिए अवसर पैदा करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 21वीं सदी के युवाओं की सोच, जरूरतों, उम्मीदों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, यह केवल एक नीति दस्तावेज नहीं है, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों एवं भारत की युवा आबादी की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भी कई बच्चों को लगता है कि उन्हें ऐसे विषय के आधार पर आंका जाता है, जिसमें उनकी कोई रुचि नहीं है, माता-पिता, रिश्तेदारों, दोस्तों आदि के दबाव के कारण बच्चे दूसरों के द्वारा चुने गए विषयों को ही पढ़ने के लिए मजबूर होते हैं, इसका परिणाम यह है कि एक बड़ी आबादी जो अच्छी तरह से शिक्षित तो है, लेकिन अधिकांश जो उन्होंने पढ़ा है, उनके लिए उपयोगी नहीं है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत की शिक्षा प्रणाली में एक व्यवस्थित सुधार लाकर इस दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास करती है और शिक्षा के उद्देश्य एवं सामग्री दोनों को बदलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि एनईपी सीखने, अनुसंधान और नवाचार पर फोकस करती है, साथ ही स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय के अनुभव को लाभदायक, व्यापक और ऐसा बनाने का विचार है, जो छात्र की स्वाभाविक रुचि का मार्गदर्शन कर सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को तीन चीजें करने की सलाह दी-सीखना, सवाल पूछना और समाधान करना। उन्होंने कहा कि जब कोई सीखता है तो उसके पास सवाल करने की बुद्धि आती है और भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस भावना को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि फोकस स्कूल बैग के बोझ से हटाकर जो स्कूल के बाद नहीं रहता है सीखने के फायदे की तरफ बढ़ना है और जो जीवन में काम याद करने से लेकर महत्वपूर्ण सोच तक आती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंत: विषय अध्ययन पर जोर नई शिक्षा नीति की सबसे रोमांचक विशेषताओं में से एक है, यह अवधारणा लोकप्रियता हासिल कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंत:विषय अध्ययन पर जोर देने से यह सुनिश्चित होगा कि फोकस उस पर हो जो विद्यार्थी पढ़ना चाहता है, उसपर नहीं जो समाज उससे अपेक्षा करता है। बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर की बात का जिक्र करते हुए कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति भी उनके सुलभ शिक्षा के विचारों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 2035 तक बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में नौकरी चाहने वालों की बजाय नौकरी देने वाले तैयार करने पर जोर दिया गया है, यानी एक तरह से यह हमारी मानसिकता और हमारे दृष्टिकोण में सुधार लाने की कोशिश है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाने और विकसित करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने शुरुआती वर्षों में अपनी भाषा में सीखने से लाभ होगा, नई शिक्षा नीति दुनिया का समृद्ध भारतीय भाषाओं से परिचय कराएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैसे तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लोकल पर केंद्रित है पर वैश्विक एकीकरण पर भी समान रूपसे ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि शीर्ष वैश्विक संस्थानों को भारत में परिसर खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, इससे भारतीय युवाओं को विश्वस्तरीय माहौल और अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में सहायक होगा, इससे भारत वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनकर उभरेगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]