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Monday 10 August 2020 03:33:44 PM
पोर्ट ब्लेयर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान-निकोबार द्वीप में 30 दिसंबर 2018 को पोर्ट ब्लेयर में जिस पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी परियोजना की आधारशिला रखी थी आज प्रधानमंत्री ने ही लोकार्पण करते हुए उसे राष्ट्र को समर्पित किया और इसीके साथ चेन्नई से पोर्टब्लेयर, पोर्टब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्टब्लेयर से स्वराज द्वीप तक अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा निर्बाध शुरु हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान-निकोबार कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। इसके महत्वाकांक्षी कनेक्टिविटी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आज़ादी की तपस्थली और संकल्पस्थली अंडमान-निकोबार की भूमि के दर्जनों द्वीपों पर रहने वाले लाखों लोगों के लिए तो यह कनेक्टिविटी अहम है ही, पर्यटन और पूरे देश के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जाकर इसका काम पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं अंडमान-निकोबार के लोगों को इस सुविधा के लिए अनंत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं, मैं इसे स्वतंत्रता दिवस से पहले अंडमान के लोगों के लिए एक प्रकार से स्नेहभरे उपहार का अवसर देखता हूं और इस मौके पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस को नमन करता हूं, जिनका यहां से बड़ा गहरा संबंध रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को देश-दुनिया से जोड़ने वाले पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी)का जिक्र करते हुए कहा कि इस कनेक्टिविटी से अंडमान द्वीप समूह में रोज़गार और वहां की समृद्धि के अनगिनत अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि 2300 किलोमीटर की पनडुब्बी केबल बिछाने और इसे निर्धारित लक्ष्य से पहले पूरा करना बेहद प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री ने गहरे समुद्र में सर्वेक्षण के रूपमें समुद्र के नीचे लगभग 2300 किलोमीटर तक केबल बिछाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि केबल की गुणवत्ता बनाए रखना और विशेष जहाजों के साथ केबल बिछाना कोई आसान काम नहीं है, इस परियोजना से ऊंची लहरों, तूफानों और मॉनसून जैसी चुनौतियों और कोरोना महामारी जैसे कठिन समय से निपटा जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को इसकी वर्षों से आवश्यकता थी, लेकिन इसे पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया था। नरेंद्र मोदी ने इस तरह की बड़ी चुनौतियों के बावजूद इस परियोजना को पूरा करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लोगों को बेहतर और सस्ती कनेक्टिविटी प्रदान करना देश की जिम्मेदारी है, उन सभी को बधाई दी जो परियोजना से जुड़े थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पनडुब्बी केबल यह साबित करने का एक प्रयास है कि अंडमान और निकोबार द्वीप दिल्ली से और मुख्य भूमि के दिल से दूर नहीं हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार प्रत्येक नागरिक और प्रत्येक क्षेत्र को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जीवन जीने की बेहतर सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि यह ऑप्टिकल फाइबर परियोजना जो अंडमान निकोबार द्वीप समूह को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है, जीवन जीने में आसानी के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सीमावर्ती क्षेत्रों और द्वीप राज्यों के त्वरित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पनडुब्बी केबल अंडमान और निकोबार की सस्ती और बेहतर कनेक्टिविटी तथा डिजिटल इंडिया के सभी लाभों को प्राप्त करने में मदद करेगी, विशेष रूपसे ऑनलाइन शिक्षा, टेली-मेडिसिन, बैंकिंग प्रणाली, ऑनलाइन ट्रेडिंग में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा देने में। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंद महासागर हजारों वर्षों से भारत के व्यापार और रणनीतिक कौशल का केंद्र रहा है तथा अंडमान और निकोबार भारत के आर्थिक-सामरिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के सभी द्वीप भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत की नई व्यापार रणनीति के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक्ट-ईस्ट नीति के तहत पूर्वी एशियाई देशों और समुद्र से जुड़े अन्य देशों के साथ भारत के मजबूत संबंधों में अंडमान और निकोबार की भूमिका बहुत अधिक है और यह आने वाले समय में और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि द्वीप विकास एजेंसी का गठन 3 वर्ष पूर्व अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार में जो परियोजनाएं वर्षों से पूरी नहीं हुई थीं, वे अब तेजी से पूरी हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार के 12 द्वीपों में अत्यधिक प्रभाव वाली परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के अलावा सड़क, वायु और जलमार्ग के जरिए वास्तविक संपर्क को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने उत्तर और मध्य अंडमान की सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए दो प्रमुख पुलों और राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर-4 पर चल रहे कार्य का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ाकर इसे 1200 यात्रियों के आने-जाने के योग्य बनाया जा रहा है, इसके साथ ही डिगलीपुर, कार निकोबार और कैंपबेल-बे भी परिचालन के लिए तैयार हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और लांग आईलैंड में यात्री टर्मिनल के साथ-साथ फ्लोटिंग जेट्टी जैसा जल एरोड्रोम ढांचा भी आने वाले महीनों में तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोच्चि शिपयार्ड में बनाए जा रहे 4 जहाजों को जल्द ही राष्ट्र को सौंप दिया जाएगा, ताकि द्वीपों और मुख्य भूमि के बीच जल संपर्क में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार को बंदरगाह संचालित विकास केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, क्योंकि यह दुनिया के अनेक बंदरगाहों से एक प्रतिस्पर्धी दूरी पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास बंदरगाहों का बेहतर नेटवर्क है और उनकी कनेक्टिविटी 21वीं सदी में व्यापार को बढ़ावा देने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है और वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है तो जलमार्ग और बंदरगाहों के हमारे नेटवर्क को मजबूत करना बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार समुद्र के रास्ते व्यापार को सुगम बनाने को बढ़ावा देने और समुद्री लॉजिस्टिक्स को सरल बनाने पर विशेष रूपसे ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से डीप ड्राफ्ट इनर हार्बर के तेजी से निर्माण और ग्रेटर निकोबार में ट्रांसशिपमेंट पोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसके निर्माण के बाद बड़े जहाज लंगर लगा सकेंगे और रोज़गार के नए अवसरों के साथ-साथ समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार में विकसित हो रहे आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ द्वीप में मत्स्य पालन और समुद्री शैवालों की खेती जैसी नीली अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। उन्होंने कामना की कि सरकार के प्रयासों से अंडमान और निकोबार को न केवल नई सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि इसे विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान भी मिलेगा।