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Tuesday 11 August 2020 03:23:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार तथा विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत सरकार सामरिक महत्व के दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्राथमिकता पर प्रयास कर रही है, ताकि यहां जीवन सुगम बनाया जा सके और उन लोगों के लिए बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके, जो इन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1,224 करोड़ रुपये की लागत से चेन्नई और अंडमान निकोबार के बीच 2300 किलोमीटर की पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल के उद्घाटन के बाद मीडिया को दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के बारे में बताया।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि रणनीतिक, दूरस्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों में 354 गांवों में ऐसी कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक निविदा को अंतिम रूप दिया गया है और बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं गुजरात के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के 144 गांव में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इसे लागू किया जा रहा है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन गांवों को रणनीतिक रूपसे मोबाइल पर सीमा क्षेत्र कनेक्टिविटी को कवर करने के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी कोई ऐसा गांव नहीं रहेगा, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं होगी।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि सेना, बीआरओ, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी आदि के लिए 1347 साइटों पर उपग्रह आधारित डीएसपीटी यानी डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल भी प्रदान किए जा रहे हैं, जिनमें से 183 साइटें पहले से ही चालू हैं और शेष चालू होने की प्रक्रिया में हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि दूरसंचार विभाग बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 24 आकांक्षी जिलों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने पर भी काम कर रहा है और छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश में बचे हुए 44 आकांक्षी जिलों के 7287 गांवों को भी कवर किया जाएगा, इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।