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Monday 24 August 2020 01:04:37 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत सभी पात्र दिव्यांगों को शामिल करने के लिए राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि सभी दिव्यांग व्यक्ति, जो एनएफएसए के तहत लाभार्थियों के पहचान मानदंड के अनुसार पात्र हैं, उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कवर किया जाए और इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उन्हें एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई के तहत अपने हक का खाद्यान्न कोटा प्राप्त हो।
गौरतलब है कि इस अधिनियम की धारा 38 में कहा गया है कि केंद्र सरकार को इस अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी कार्यांवयन के लिए समय-समय पर राज्य सरकारों को निर्देश देना चाहिए। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा है कि जिन लोगों को पहले से कवर नहीं किया गया है, उन्हें पात्रता मानदंड के अनुसार नए राशन कार्ड जारी करके कवर किया जाए। इस बात को भी दोहराया गया है कि दिव्यांगता दरअसल अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) घरों के तहत लाभार्थियों को शामिल करने के मानदंडों में से एक है और इसलिए है, क्योंकि दिव्यांग व्यक्ति समाज का कमजोर वर्ग है। राज्यों से इस संबंध में सक्रिय कदम उठाने का अनुरोध किया गया है।
सार्वजनिक वितरण विभाग ने पत्र में सलाह दी है कि यह जरूरी है कि राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश प्राथमिकता वाले परिवारों के निर्धारित पहचान के मानदंडों के अनुसार दिव्यांगों को कवर करें। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 की धारा 10 में अंत्योदय अन्न योजना के तहत व्यक्तियों की कवरेज का प्रावधान है, जो इस योजना के लिए लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार हो और ऐसे दिशा-निर्देशों के अनुसार जो संबंधित राज्य की सरकार निर्दिष्ट करे, उस प्रकार शेष घरों को प्राथमिकता वाले घरों के रूपमें कवर किया जाए। भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज उन व्यक्तियों के लिए है, जो एनएफएसए या किसी भी राज्य योजना पीडीएस कार्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं, इसलिए दिव्यांग व्यक्ति बिना राशन कार्ड के भी आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत लाभ पाने के पात्र हैं।
चूंकि ये योजना 31 अगस्त 2020 को समाप्त हो जाएगी और इसमें अभी एक सप्ताह शेष है, इसलिए इस विभाग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे दिव्यांग व्यक्तियों की पहचान करें, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और उन्हें आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत लाभ प्रदान किया जाए। गौरतलब है कि यह योजना मई 2020 में शुरू हुई थी और यह माना गया था कि दिव्यांगों समेत बगैर राशन कार्ड वाले सभी पात्र लाभार्थियों को कवर कर लिया गया होगा। ऐसा समझा गया है कि अभी तक जो राशन उठाया गया है, उसका उपयोग राज्यों ने दिव्यांगों सहित बिना राशन कार्ड वाले पात्र लाभार्थियों को वितरित करने के लिए किया है।