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Thursday 27 August 2020 02:35:01 PM
नई दिल्ली। सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने न्यायाधिकरण की सभी दस क्षेत्रीय न्यायपीठों के लिए वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से सुनवाई का उद्घाटन किया। सशस्त्र बल न्यायाधिकरण का मुख्य न्यायपीठ ही एकमात्र ऐसा न्यायालय है, जहां पर 8 जून 2020 से सामान्य रूपसे सुनवाई की जा रही है। मुख्य न्यायपीठ में सशस्त्र बलों के लिए दूर दराज वाले इलाकों में रहने और सुरक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों का पालन करने वालों का ध्यान रखते हुए और सशस्त्र बलों के कर्मियों, सेवानिवृत्त और सेवारत लोगों की कठिनाइयों और सीमाओं को ध्यान में रखते हुए सुनवाई की जा रही है।
न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने बाधारहित सुनवाई प्रक्रिया के लिए प्रिंसिपल पीठ के रजिस्ट्रार डॉ राकेश कुमार को श्रेय दिया है, जोकि मुख्य न्यायपीठ में त्रुटिहीन स्वच्छता मानकों को बनाए रखने के उपायों पर सलाह दे रहे हैं। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के पहले से ही एएफटी कर्मचारियों द्वारा अदालत परिसर को रोजाना दो बार सेनेटाइज किया जा रहा है। अदालत परिसर में प्रवेश, उचित सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ और काम के प्रवाह पर समझौता किए बिना न्यूनतम रखा जाता है। एएफटी में शामिल होने वाले अधिवक्ताओं को पारदर्शी परिधानों के माध्यम से न्यायाधीशों से अलग किया जाता है और अदालत के कर्मचारियों और न्यायाधीशों के बीच उचित सामाजिक दूरी का पालन किया जाता है। एएफटी की कुल ग्यारह पीठों के लिए, जिसमें पूरे देश में फैले हुए मुख्य न्यायपीठ और दस क्षेत्रीय न्यायपीठ शामिल हैं, सरकार द्वारा 34 न्यायिक और प्रशासनिक सदस्यों को मंजूरी प्रदान की गई है।
मुख्य न्यायपीठ में केवल चार सदस्य ही कार्यरत हैं, जिनमें एक न्यायिक सदस्य और दो प्रशासनिक सदस्य क्रमश चंडीगढ़, मुंबई और चेन्नई की न्यायपीठ में हैं। गौरतलब है कि न्यायाधिकरण की क्षेत्रीय पीठों में बहुत आवश्यक आवेदनों पर प्रधान न्यायपीठ में सुनवाई हो रही थी और क्षेत्रीय पीठों के अन्य मामलों की सुनवाई के लिए एक प्रक्रिया के निर्माण की आवश्यकता थी। परिणामस्वरूप वर्चुअल सुनवाई के लिए एक व्यवहार्य प्रक्रिया की शुरूआत की गई है। वीडियो कॉफ्रेंसिंग प्रक्रिया से सुनवाई के साथ ही सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को बहुत ज्यादा राहत मिली है, जिनके आवेदन विभिन्न क्षेत्रीय न्यायपीठों में न्याय का इंतजार कर रहे हैं। न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति मोहम्मद ताहिर और प्रशासनिक सदस्य वाइस एडमिरल पी मुरुगेसान (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल सीए कृष्णन (सेवानिवृत्त) वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आवेदनों पर सुनवाई करेंगे।