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Friday 28 August 2020 03:49:22 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत पर एक सेमिनार को संबोधित किया। रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना, नई तकनीक विकसित करना और रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनकी टीम को एक मिशन के तौरपर काम करने एवं अथक प्रयास करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वेब सेमिनार से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य को निश्चित रूपसे और तेज़ गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तो यहां रक्षा उत्पादन के लिए काफी क्षमता और परिवेश उपलब्ध था, लेकिन दशकों तक कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिति अब बदल रही है, रक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए निरंतर और लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रक्षा उत्पादन की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं जैसे-लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार, सभी केलिए समान अवसर उपलब्ध कराना, निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाना आदि। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मविश्वास की भावना आवश्यक है, सीडीएस की नियुक्ति जैसे निर्णय, जो दशकों से लंबित थे अब लिए गए हैं और यह नए भारत के आत्मविश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति से तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित हुआ है, साथ ही इससे रक्षा खरीद को बढ़ाने में भी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है जो नए भारत के आत्मविश्वास को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि घरेलू खरीद के लिए पूंजीगत बजट का एक हिस्सा निर्धारित करने, 101 वस्तुओं को घरेलू खरीद के लिए निर्धारित करने जैसे कदमों से घरेलू खरीद को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू रक्षा उद्योगों में तेजी आएगी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार रक्षा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने, परीक्षण प्रणाली को सुव्यवस्थित करने आदि मोर्चे पर काम कर रही है। आयुध कारखानों के निगमीकरण पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा होने पर यह श्रमिकों और रक्षा क्षेत्र दोनों को मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री ने आधुनिक रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि डीआरडीओ के अलावा सरकार भी निजी क्षेत्र में और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि विदेशी साझेदारों के साथ संयुक्त उद्यम के जरिए सह-उत्पादन पर जोर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर काम कर रही है, बौद्धिक संपदा, कराधान, ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में बड़े सुधार जारी हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में की गई पहल पर प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की राज्य सरकारों के सहयोग से अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए आने वाले 5 वर्ष में 20 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईडीईएक्स पहल के भी सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, इसे विशेष रूपसे एमएसएमई और स्टार्टअप से जुड़े उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिये 50 से अधिक स्टार्टअप ने सैन्य उपयोग के लिए प्रौद्योगिकी एवं उत्पाद विकसित किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक समर्थ भारत का निर्माण करना है, दुनिया में शांति स्थापित हो सके, रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के पीछे यही विचार है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपने तमाम मित्र देशों के लिए रक्षा उपकरणों का एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बनने की क्षमता रखता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत की सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में 'शुद्ध सुरक्षा प्रदाता' के रूपमें भारत की भूमिका को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन एवं निर्यात संवर्धन नीति के मसौदे पर लोगों की प्रतिक्रिया और सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनसे इस नीति को जल्द से जल्द लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से हमें आत्मनिर्भर बनने के संकल्प को जारी रखने और एक आत्मनिर्भर भारत बनने में मदद मिलेगी।