स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 31 August 2020 03:28:48 PM
लेह। भारत-चीन में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बीच 29 और 30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने सैन्य और राजनयिक वार्ताओं के दौरान बनी आम सहमति का फिर उल्लंघन किया और उकसाऊ सैन्य दुस्साहस करते हुए सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की। भारतीय सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने बताया है कि सतर्क भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी छोर पर पीएलए सैनिकों की इस कोशिश को पूरी तरह से नाकाम कर दिया है एवं भारतीय सैन्य स्थिति को सुदृढ़ करने व सरहद पर यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने के चीनी मंसूबों को विफल करने के लिए और भी ठोस कदम उठाए गए हैं। ज्ञातव्य है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन की सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें एक भारतीय कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसमें चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने कहा है कि भारतीय सेना संवाद के जरिए शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके साथ ही अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूपसे दृढ़प्रतिज्ञ है। उन्होंने बताया कि मुद्दों को सुलझाने के लिए चुशुल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग प्रगति पर है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में 29 और 30 अगस्त की मध्यरात्रि में चीन और भारत के सैनिकों में फिर झड़प हुई है। चीनी सैनिकों ने पूर्व में हुई सहमति के बावजूद पेगोंग और त्सो झील एरिया में घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम किया तो दोनों के बीच गंभीर झड़प हुई, तथापि भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया। चीन सेना फिर से क्षेत्र में उकसाने और यथास्थिति भंग करने की कोशिश कर रही है। भारतीय सेना ने उसकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया है।
भारतीय सेना ने कहा है कि चीनी सैनिकों की यथास्थिति को भंग करने की गतिविधियों की भारतीय सेना को भनक लग गई थी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लद्दाख सीमा पर नए विवाद के बाद श्रीनगर-लेह मार्ग आम लोगों के लिए बंद कर दिया है, इस मार्ग पर फिलहाल केवल सेना के वाहन ही आ-जा रहे हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी विवाद को सुलझाने के बजाय उकसाने उलझाने की कोशिशें कर रही है। भारतीय सेना ने पैंगॉग त्सो लेक के दक्षिणी तट पर अब अपनी स्थिति को और भी मजबूत कर लिया है। भारत-चीन में कई दौर की बातचीत के बावजूद पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होता नहीं दिख रहा है, जबकि भारतीय सेना का साफ कहना है कि चीन अप्रैल से पहले वाली स्थिति में जाए। लद्दाख के कई इलाकों पर कोर कमांडर लेवल पर पांच दौर की बातचीत भी हो चुकी है, चीन इसके उलट वहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाता जा रहा है। गलवान घाटी में दोनों सेनाओं में कई घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडों से हिंसक संघर्ष के बाद अब फिर संघर्ष हुआ है। सीमा पर तनाव बना हुआ है।