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Friday 4 September 2020 01:01:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चाहे अमेरिका हो या खाड़ी देश, यूरोप हो या आस्ट्रेलिया दुनिया हमपर विश्वास करती है। वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए अमेरिका-भारत 2020 शिखर सम्मेलन में विशेष संबोधन में प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी का जिक्र किया और कहा कि इसका हर किसी पर असर पड़ा है और यह हमारी दृढ़ता, हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था, हमारी अर्थव्यवस्था की परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात एक नई सोच की मांग करते हैं, ऐसी सोच जहां विकास की रणनीति मानव केंद्रित हो, जहां हर किसी के बीच सहयोग की भावना हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश क्षमताओं के विस्तार, गरीबों की सुरक्षा और हमारे नागरिकों के भविष्य को बचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। गौरतलब है कि यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम एक गैर लाभकारी संगठन है, जो भारत और अमेरिका के बीच भागीदारी के लिए काम करता है। पांच दिवसीय सम्मेलन की थीम 'अमेरिका-भारत के सामने मौजूद नई चुनौतियां' है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में चुनौतियों का सामना करने के लिए एक ऐसी सरकार मौजूद है, जो नतीजे देने में विश्वास करती है, एक ऐसी सरकार जिसके लिए ईज़ ऑफ लिविंग उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस। उन्होंने भारत का वर्णन एक ऐसे युवा देश के तौरपर किया जिसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या की उम्र 35 वर्ष से कम है, जो आकांक्षाओं से भरा है और जिसने खुद को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां राजनीतिक स्थायित्व और नीतिगत निरंतरता है और जो लोकतंत्र और विविधता के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कोविड के खिलाफ लड़ाई के लिए सुविधाएं बढ़ाने और नागरिकों के बीच जागरुकता के प्रसार की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि त्वरित रूपसे कदम उठाए जाने से सुनिश्चित हुआ कि 1.3 अरब जनसंख्या और सीमित संसाधनों वाले देश में प्रति मिलियन आबादी पर मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम बनी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का कारोबारी समुदाय, विशेष रूपसे छोटे उपक्रम ज्यादा सक्रिय हैं, लगभग शून्य से शुरुआत करते हुए उन्होंने हमें दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा पीपीई किट विनिर्माता बना दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि हाल के दौर में देश में दूरगामी सुधार हुए हैं, जिससे कारोबार करना आसान हुआ है और लालफीताशाही कम हुई है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े आवासीय कार्यक्रम पर सक्रिय रूपसे काम चल रहा है और अक्षय ऊर्जा का विस्तार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने रेल, सड़क और वायु संपर्क मार्ग को मजबूत बनाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के निर्माण के लिए एक विशेष डिजिटल मॉडल तैयार कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम करोड़ों लोगों को बैंकिंग, कर्ज, डिजिटल भुगतान और बीमा उपलब्ध कराने के लिए सर्वश्रेष्ठ फिन-टेक का उपयोग कर रहे हैं, इन सभी पहलों में विश्वस्तरीय तकनीक और वैश्विकस्तर की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को दिखाया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विकास का फैसला सिर्फ लागत के आधार पर नहीं लिया जाना चाहिए, वे भरोसे पर भी आधारित होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि कंपनियां अब भौगोलिक क्षेत्र की सामर्थ्य के साथ ही विश्वसनीयता और नीतिगत स्थायित्व पर भी विचार कर रही हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ऐसी जगह है, जहां ये सभी विशेषताएं हैं, इन्हें देखते हुए भारत विदेशी निवेश के लिए अनुकूल स्थलों में से एक के रूपमें उभर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे यह अमेरिका हो या खाड़ी देश, यूरोप हो या आस्ट्रेलिया दुनिया हमपर विश्वास करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल हमें 20 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्रवाह हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि गूगल, अमेजन और मुबाडाला इन्वेस्टमेंट्स ने भारत के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने उस पारदर्शी और पूर्व अनुमानित कर व्यवस्था का संदर्भ दिया, जिसे भारत पेश करता है और ये कर व्यवस्था ईमानदार करदाताओं को समर्थन देती है और उन्हें प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि भारत का जीएसटी एकीकृत है और पूरी तरह से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है। प्रधानमंत्री ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता का उल्लेख किया जो पूरी वित्तीय प्रणाली के लिए जोखिम को कम करती है। उन्होंने व्यापक श्रम सुधारों पर भी बात की, जो नियोक्ताओं के लिए अनुपालन का बोझ कम करते हैं और कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री ने विकास को गति देने में निवेश के महत्व पर चर्चा की, और कहा कि भारत इसके मांग और आपूर्ति पक्ष दोनों पर प्रकार नज़र बनाए हुए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को दुनिया के सबसे कम कर देने वाले देशों में से एक बनाकर और नई विनिर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन देकर ऐसा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अनिवार्य ई-प्लेटफॉर्म आधारित फेसलेस असेसमेंट का उल्लेख किया और कहा कि ये करदाताओं के चार्टर के साथ-साथ नागरिकों की मदद करने में भी एक लंबी दूरी तय करेगा। उन्होंने कहा कि बॉंड बाज़ार में जारी नियामकीय सुधारों से निवेशकों के लिए पहुंच में सुधार सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि भारत में एफडीआई 2019 में 20 प्रतिशत बढ़ी है, वो भी तब जब वैश्विक एफडीआई में 1 प्रतिशत की गिरावट आई है और ये हमारी एफडीआई व्यवस्था की सफलता को दिखाता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये कदम एक उज्ज्वल और ज्यादा समृद्ध भविष्य को सुनिश्चित करेंगे एवं मजबूत वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी योगदान देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत स्थानीय को वैश्विक के साथ मिलाता है और इससे एक ग्लोबल फोर्स मल्टीप्लायर के रूपमें भारत की ताकत सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य भारत का कायापलट करते हुए उसे महज एक निष्क्रिय बाज़ार रहने देने के बजाय ग्लोबल वैल्यू चेंस के बीचोंबीच एक सक्रिय विनिर्माण हब में बदलना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए आगे की राह अवसरों से भरी हुई है, खासतौर पर निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में। उन्होंने कोयला, खनन, रेलवे, रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को खोले जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कृषि में सुधारों के साथ-साथ मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरणों, फार्मा क्षेत्रों के लिए शुरू की गई उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओं का भी जिक्र किया।