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Saturday 12 September 2020 03:56:38 PM
नई दिल्ली। आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी), रक्षा मंत्रालय का एक अधीनस्थ कार्यालय, को सरकार के 100 प्रतिशत स्वामित्व वाले एक या एक से अधिक कॉरपोरेट संस्थाओं में परिवर्तित करने के सरकार के निर्णय के अनुरूप सरकार ने कर्मचारियों के वेतन एवं सेवानिवृत्ति लाभों की सुरक्षा करते हुए उनकी बदली एवं फिरसे तैनाती की योजना समेत पूरी प्रक्रिया की देखरेख और मार्गदर्शन के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्चाधिकार प्राप्त मंत्री समूह का गठन किया है। इस उच्चाधिकार प्राप्त मंत्री समूह में गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह शामिल हैं।
उच्चाधिकार प्राप्त मंत्री समूह के संदर्भ में शर्तों में ओएफबी को एकल रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम या कई डीपीएसयू के रूपमें परिवर्तित करने पर निर्णय, विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों से संबंधित मामले जिनमें उनके वेतन एवं मौजूदा कर्मचारियों के पेंशन की सुरक्षा शामिल है, इकाई या संस्थाओं को आर्थिक रूपसे सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता, पहले से ही ओएफबी के कार्यांवित आदेशों या जिनके लिए ओएफबी में सुविधाएं निर्मित की गईं को मजबूत करना, ओएफबी की भू-संपत्ति का प्रशोधन शामिल है। टीओआर के साथ ईजीओएम के गठन के बारे में ओएफबी एवं बोर्ड स्तरपर विभिन्न संघों, यूनियनों तथा संघों को सूचित किया गया है और उनसे यह अनुरोध किया गया है कि वे ईजीओएम के समक्ष ओएफबी के निगमीकरण से संबंधित अपने सभी सुझावों, मुद्दों एवं चिंताओं को रखें।
रक्षा मंत्रालय ने ओएफबी के निगमीकरण की प्रक्रिया में रक्षा उत्पादन विभाग की सहायता के उद्देश्य से रणनीतिक एवं कार्यांवयन प्रबंधन परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए कंसल्टेंसी एजेंसी के रूपमें मैसर्स केपीएमजी एडवाइजरी सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड (लीड कंसोर्टियम मेंबर) के साथ एक अन्य कंसोर्टियम मेंबर के तौरपर मेसर्स खेतान एंड कंपनी लिमिटेड का चयन भी किया है।