स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 18 September 2020 06:08:28 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे एवं प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से 17 सितंबर को टेलीफोन पर बातचीत की। सरकार की ओर से यद्यपि यह बताया गया है कि दुनिया के इन शीर्ष राजनेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन की बधाई दी है, मगर इसके कुछ और भी मायने निकाले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के समय ऐसा भी है, जब भारत का सीमा पर चीन और पाकिस्तान से जबरदस्त तनाव और सैन्य टकराव की स्थिति अपने चरम पर है। हालात ऐसे हैं कि कभी भी कुछ भी अप्रिय हो सकता है। जन्मदिन की बधाई के साथ और क्या बात हुई, इसका तो पता नहीं चल पाया अलबत्ता यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सीमा पर तनाव के बारे में जरूर ही गंभीर चर्चा हुई है। यह सर्वज्ञात है कि रूस, श्रीलंका और भूटान ये तीनों देश भारत के अभिन्न मित्र हैं।
बहरहाल गौर के काबिल है कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम में रूस में विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी, जिसमें भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के विदेश मंत्री भी शामिल थे और भारत ने बड़े कड़े शब्दों में चीन से कहा कि वह एलएसी से वापस जाए, तभी यह माना जा सकेगा कि चीन अपनी बात पर ईमानदार है, लेकिन बैठक के बाद चीन फिर सीमा पर अपनी हिंसक हरकतों पर उतर आया। इसके बाद एक और घटनाक्रम सामने आया, जिसमें रूस के साथ एक बैठक के दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के सामने पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने पाकिस्तान का विवादास्पद नक्शा पेशकर इस बैठक में तनाव पैदा कर दिया, जिसके फलस्वरूप अजित डोभाल ने यह बैठक बीच में ही छोड़ दी। पाकिस्तान के इस कृत्य से मेजबान रूस की भी काफी किरकिरी हुई और मामला संभालते हुए रूस ने इसके लिए पाकिस्तान को फटकार भी लगाई। पाकिस्तान की मीडिया में ही इस फटकार की काफी चर्चा भी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर भारत के रक्षामंत्री और विदेश मंत्री की मास्को यात्राओं का उल्लेख किया। समझा जाता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन की बधाई पर पाकिस्तान के विवादित नक्शा का मामला और सीमा पर तनाव का विषय भी अवश्य चर्चा में आया है। भारत सरकार ने सीधे तौरपर कहा भी है कि दोनों राजनेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई है। यह भी समझा जाता है कि भारत को एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम भारत को देने के संबंध में भी महत्वपूर्ण बात हुई है। बहरहाल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जन्मदिन पर बधाई का नरेंद्र मोदी ने आभार व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के बावजूद द्विपक्षीय बातचीत जारी रखने की सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस साल एससीओ और ब्रिक्स की सफल रूसी अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष के अंत में एससीओ और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा भारत के आयोजित किए जाने वाले एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद में भाग लेने को लेकर भी अपनी उत्सुकता व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि वह अगले द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए आपस में निर्धारित सुविधाजनक समय पर राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करना चाहते हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने भी नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। श्रीलंका के राजनेताओं ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की अपनी इच्छा और प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कोविड महामारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई समेत निरंतर द्विपक्षीय सहयोग की सराहना की। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत पहले पड़ोसी नीति के अनुरूप दोनों देशों के बीच सहयोग का विस्तार करने हेतु उनके साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने भी टेलीफोन पर बात की और उन्हें उनके 70वें जन्मदिन पर बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई के लिए उनका आभार व्यक्त किया और राजा, भूटान के पूर्व राजा और भूटान राज परिवार के सभी सदस्यों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने विश्वास और स्नेह के अनूठे संबंधों के बारे में बात की जो भारत और भूटान को पड़ोसी और मित्र के रूपमें बांधते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष मित्रता का पालन करने में भूमिका निभाने के लिए भूटान के राजाओं का आभार व्यक्त किया। नरेंद्र मोदी ने भूटान में कोविड-19 महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए उनकी प्रशंसा की और भूटान को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने को लेकर राजा को आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों ओर से एक सुविधाजनक तारीख पर राजा और उनके परिवार को भारत पधारने का निमंत्रण दिया।