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Monday 28 September 2020 04:56:04 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने आज एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत-डेनमार्क के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नियमित तौरपर उच्चस्तरीय आदान-प्रदान किए जाते हैं और ये संबंध ऐतिहासिक संपर्कों, साझा लोकतांत्रिक परंपराओं, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता की साझा इच्छा पर आधारित हैं। भारत की मेजबानी में आयोजित सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत व सहयोगात्मक संबंधों को साझा किया।
भारत-डेनमार्क के प्रधानमंत्रियों का कहना था कि भारत-डेनमार्क के बीच वस्तुओं और सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार में 30.49 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, यह व्यापार जो वर्ष 2016 में 2.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, 2019 में बढ़कर 3.68 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है। डेनमार्क की लगभग 200 कंपनियों ने भारत में शिपिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, स्मार्ट शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है, मेक इन इंडिया योजना के तहत नए विनिर्माण कारखानों का निर्माण किया है। वर्तमान में भारत की लगभग 25 कंपनियां डेनमार्क में आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
भारत और डेनमार्क के बीच इस अवसर पर बौद्धिक संपदा सहयोग के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। सम्मेलन का एक और प्रमुख उद्देश्य डेनमार्क का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होना था। वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन से दोनों नेताओं को दोनों देशों के बीच समय की कसौटी के अनुकूल संबंधों के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों के विस्तृत ढांचे की व्यापक समीक्षा करने का अवसर उपलब्ध हुआ, जो आपसी हितों के प्रमुख मुद्दों के बारे में एक मजबूत और गहरी सहयोगात्मक भागीदारी के लिए भी विस्तृत राजनीतिक दिशा प्रदान करेगा।