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Tuesday 6 October 2020 01:53:28 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक मेगा वर्चुअल शिखर सम्मेलन रेज़-2020 में वैश्विक रूपसे स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा एवं स्मार्ट मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में सामाजिक परिवर्तन, समावेश और सशक्तिकरण के लिए एआई के उपयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजकों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने हमारे कार्य स्थलों में परिवर्तन और सम्पर्क में सुधार किया है, अनेक बार प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण चुनौतियों का हल निकालने में हमारी मदद की है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सामाजिक जिम्मेदारी और एआई के बीच विलय से मानवीय सम्पर्क मज़बूत होगा, मानव के साथ आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का टीमवर्क हमारे ग्रह में चमत्कार कर सकता है। उन्होंने कहा कि इतिहास के हर कदम परज्ञान और अध्ययन के मामले में भारत ने दुनिया का नेतृत्व किया है, आज आईटी के युग में भारत उत्कृष्ट योगदान दे रहा है, कुछ प्रतिभाशाली तकनीकी विशेषज्ञ भारत के हैं, भारत वैश्विक आईटी सेवा उद्योग के लिए अत्यधिक ताकतवर साबित हुआ है और हम दुनिया को डिजिटल रूपसे उत्कृष्ट और खुशहाल बनाए रखेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने अनुभव किया है कि तकनीक पारदर्शिता और सेवा वितरण में सुधार करने में मदद करती है, दुनिया की सबसे बड़ी विशिष्ट पहचान प्रणाली आधार और डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई ने वित्तीय और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने और गरीबों के बैंक खातों में सीधे नकद हस्तांतरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इन माध्यमों से कोरोनाकाल में भी जल्द और कुशल तरीके से लोगों तक मदद पहुंची है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के लिए एक वैश्विक केंद्र बने और कहा कि इस लक्ष्य के प्रति दृष्टिकोण टीमवर्क, विश्वास, सहयोग, जिम्मेदारी और समावेश के मुख्य सिद्धांतों द्वारा संचालित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हाल ही में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाया है, यह नीति शिक्षा के प्रमुख भाग के रूपमें प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा और कौशल पर केंद्रित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ई-पाठ्यक्रम को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों में विकसित किया जाएगा, इससे एआई प्लेटफार्मों की प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण क्षमताओं से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 में शुरु 'युवाओं के लिए उत्तरदायी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस' कार्यक्रम के तहत 11,000 से अधिक छात्रों ने बुनियादी पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है, वे अब अपनी एआई परियोजनाओं का निर्माण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम डिजिटल बुनियादी ढांचे, डिजिटल सामग्री और क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ई-शिक्षा इकाई बनाएगा। उन्होंने वर्चुअल लैब और अटल इन्नोवेशन मिशन की स्थापना जैसी उभरती तकनीकों के साथ तालमेल रखने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम समाज की समस्याओं के समाधान के लिए समर्पित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया, जिसमें एआई ने बड़ी भूमिका निभाई है, इनमें कृषि, अगली पीढ़ी के लिए शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण, शहरी मुद्दों और समस्याओं का समाधान करना है, शहरी समस्याओं में यातायात की समस्या को कम करना, सीवेज सिस्टम में सुधार, ऊर्जा ग्रिडों को बनाना, आपदा प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत बनाना और जलवायु परिवर्तन शामिल है। उन्होंने एआई का उपयोग करके भाषा की बाधाओं को मूल रूपसे समाप्त करना और भाषाओं तथा बोलियों की विविधता को संरक्षित करने का सुझाव दिया। उन्होंने ज्ञान के प्रसार के लिए एआई का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई का उपयोग कैसे किया जाता है, यह विश्वास स्थापित करने के लिए एल्गोरिथम पारदर्शिता महत्वपूर्ण है और इसे सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने गैर-सामाजिक तत्वों द्वारा एआई के दुरुपयोग के खिलाफ दुनिया की रक्षा करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मानवीय रचनात्मकता और मानवीय भावनाएं हमारी सबसे बड़ी ताकत बनी हुई हैं और मशीनों पर हमारी अनूठी बढ़त है। उन्होंने सभी से यह विचार करने का आग्रह किया कि मशीनों पर इस बौद्धिक बढ़त को कैसे बरकरार रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि एआई प्रत्येक व्यक्ति की अद्वितीय क्षमता को विकसित करेगा और उन्हें समाज में अधिक प्रभावी ढंग से योगदान करने के लिए सशक्त बनाएगा। उन्होंने रेज़-2020 में प्रतिभागियों से विचारों का आदान-प्रदान करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने के लिए एक सामान्य कोर्स का चार्ट बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कामना की कि एक्शन रोडमैप फॉर रिस्पॉन्सिबल एआई men चर्चा से दुनियाभर के लोगों के जीवन और आजीविका में बदलाव आएगा।