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Tuesday 6 October 2020 01:57:17 PM
नई दिल्ली। भारत के निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ अन्य राज्यों में उपचुनाव के लिए नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों के लिए एक बैठक आयोजित की, जिसमें देशभर के लगभग 119 स्थानों पर मौजूद विभिन्न पर्यवेक्षको ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया, इसके अलावा लगभग 40 पर्यवेक्षकों ने दिल्ली में व्यक्तिगत रूपसे उपस्थित दर्ज कराई। पर्यवेक्षकों से बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बिहार में चुनाव कार्यक्रम पर दुनियाभर में फैले कोविड-19 के प्रभाव पर निर्वाचन आयोग के विचार-विमर्श और आकलन पर एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। उन्होंने अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता पर बल देते हुए हुए कहा कि इस चुनाव को विश्व समुदाय में महामारी के बीच होने वाले विश्व के सबसे बड़े चुनाव के रूपमें देखा जाएगा। उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, नैतिक और साथ ही कोविड सुरक्षित चुनाव कराने की निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र की ताकत उसके प्राथमिक हितधारक 'मतदाता' पर टिकी हुई है, मतदान के दिन मतदान केंद्र पर आने के लिए मतदाता को विश्वास दिलाने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं, ताकि वह सुरक्षित और स्वतंत्र रूपसे मतदान कर सके। उन्होंने पर्यवेक्षकों का आह्वान किया कि वे स्थानीय चुनाव प्रशासन के रूपमें मतदाता को मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका के साथ उनका मार्गदर्शन करें और उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद करें। उन्होंने पिछले चुनाव में नियुक्त कुछ विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की, जिन्होंने चुनाव के दौरान पारदर्शी माहौल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया था। उन्होंने कहा कि इस तरह के पर्यवेक्षकों के विशिष्ट ज्ञान और पूर्ण निष्पक्षता, हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा एक संस्था के रूपमें निर्वाचन आयोग में भरोसा करने की पुष्टि करते हैं।
निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने पर्यवेक्षकों की भूमिका के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आयोग ने दो विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पहले कर दी है और चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ने पर यदि आवश्यकता हई तो ऐसे कुछ और विशेष पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयोग द्वारा 21 अगस्त 2020 को व्यापक दिशा-निर्देशों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को शिकायतों के सक्रिय रूपसे निवारण करने और निष्पक्ष रूपसे अपने कर्तव्यों का निर्वहन सुनिश्चित करने की सलाह दी। निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने अधिकारियों का इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया कि वे पर्यवेक्षकों के रूपमें निर्वाचन आयोग की ओर से एक संवैधानिक कर्तव्य से बंधे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वे चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग का वास्तविक चेहरा हैं।
निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने अधिकारियों को याद दिलाया कि बिहार चुनावों के प्रदर्शन पर दुनिया की नज़र है और इन चुनावों पर सभी का ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव कर्मियों के मार्गदर्शन, परामर्श और सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल्ली में पर्यवेक्षकों के लिए आधे-आधे दिन की बैठक आयोजित की गई, इसके साथ ही अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से ऑनलाइन भाग लेने वाले अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा और उप-निर्वाचन आयुक्तों और अन्य अधिकारियों ने संबोधित किया। चुनाव प्रक्रिया का विस्तृत विवरण देते हुए चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन, एसवीईईपी और मीडिया पहलुओं पर अधिकारियों को जानकारी दी गई। वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा ने मतदान कर्मियों के लिए पहले से संचालित प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे में पर्यवेक्षकों को जानकारी दी। उप-निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन ने ईवीएम-वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली और मतदाता सूची के मुद्दों पर भी पर्यवेक्षकों से बात की।
उप-निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग के बिहार राज्यप्रभारी चंद्रभूषण कुमार ने कानूनी प्रावधान, बिहार चुनाव के लिए विशेष रूपसे कोविड परिदृश्य में आदर्श आचार संहिता के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उपनिर्वाचन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने पर्यवेक्षकों को विशिष्ट सूचना तकनीकों के अनुप्रयोगों पर जानकारी दी। निदेशक व्यय और निदेशक मीडिया ने व्यय पर्यवेक्षकों और मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों के प्रभावी उपयोग में उनकी विशिष्ट भूमिका पर पर्यवेक्षकों को भी जानकारी दी। प्रत्येक सत्र में कोविड सुरक्षित चुनाव के अतिरिक्त आयाम और इस विषय पर आयोग के जारी व्यापक दिशा-निर्देशों और पर्यवेक्षकों की भूमिका सुनिश्चित करने पर जोर दिया। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देते हुए निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।