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पीएम स्‍वनिधि आवेदन प्रक्रिया आसान हुई

पीएम स्‍वनिधि एवं एसबीआई पोर्टल के बीच एपीआई एकीकरण

स्‍ट्रीट वेंडरों को ऋण स्‍वीकृति और वितरण प्रकिया में तेजी आएगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 October 2020 03:00:28 PM

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्‍मनिर्भर निधि (पीएम स्‍वनिधि) योजना के एक हिस्‍से के रूपमें आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने पीएम स्‍वनिधि पोर्टल और एसबीआई पोर्टल के बीच एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) लांच किया है। दोनों पोर्टलों अर्थात पीएम स्‍वनिधि पोर्टल और एसबीआई के ई-मुद्रा पोर्टल के बीच सुरक्षित माहौल में डेटा के निर्बाध प्रवाह की सुविधा प्रदान करेगा और ऋण स्‍वीकृति तथा वितरण प्रकिया में तेजी लाएगा, जिससे इस योजना के तहत कार्य पूंजी ऋण प्राप्‍त करने के इच्‍छुक स्‍ट्रीट वेंडरों को लाभ मिलेगा।
आवास एवं शहरी मंत्रालय और भी बैंकों के साथ इसी तरह के एकीकरण का पता लगाएगा, जिसके लिए जल्‍दी ही एक परामर्श बैठक आयोजित की जाएगी। मंत्रालय ने स्‍ट्रीट वेंडरों को अपनी आजीविका दोबारा शुरू करने के लिए सस्‍ता कार्य पूंजी ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 1 जून 2020 से पीएम स्‍वनिधि योजना लागू की हुई है। ये वेंडर लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। योजना का लक्ष्‍य उन 50 लाख से अधिक वेंडरों को लाभांवित करने का है, जो 24 मार्च 2020 से पहले शहरों के इर्द-गिर्द या ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों में सामान बेच रहे थे। योजना के तहत स्‍ट्रीट वेंडर्स 10,000 रुपए तक का कार्य पूंजी ऋण प्राप्‍त कर सकते हैं, जिसका भुगतान एक वर्ष की अवधि में मासिक किस्‍तों में देय होगा।
ऋण के जल्‍दी पुनर्भुगतान पर 7 प्रतिशत वार्षिक की ब्‍याज सब्सिडी दी जाएगी, जो तिमाही आधार पर प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण से लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। ऋण का पुनर्भुगतान शीघ्र करने पर कोई जुर्माना नहीं होगा। यह योजना 1,200 रुपये प्रतिवर्ष की राशि तक कैशबैक प्रोत्‍साहन के माध्‍यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है। वेंडर ऋण के समय पर पुनर्भुगतान पर बढ़ी हुई क्रेडिट सीमा की सुविधा का लाभ उठाकर आर्थिक सीढ़ी पर चढ़ने की अपनी इच्‍छा को पूरा कर सकते हैं। पीएम स्‍वनिधि योजना के तहत 6 अक्टूबर 2020 के अनुसार 20.50 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनमें से 7.85 लाख से अधिक ऋण मंजूर किए गए हैं और 2.40 लाख से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

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