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Friday 9 October 2020 01:36:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से कनाडा में इंवेस्ट इंडिया कॉंफ्रेंस में कहा है कि भारत में कई वर्ष से मौजूद कनाडा के निवेशक हमारे सबसे अच्छे ब्रांड एंबेसडर हो सकते हैं, उनका अनुभव, विस्तार करने और विविधता लाने की उनकी योजना, कनाडा के निवेशकों को भारत लाने के लिए सबसे विश्वसनीय प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत-कनाडा के द्विपक्षीय संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कई समान हितों से प्रेरित हैं, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंध हमारे बहुपक्षीय संबंधों के अभिन्न अंग हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कनाडा सबसे विशाल और सर्वाधिक अनुभवी बुनियादी ढांचागत निवेशकों में से कुछ का घर भी है, कनाडा के पेंशन फंड भारत में सीधे निवेश प्रारंभ करने के मामले में प्रथम थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले भी कनाडा के कई निवेशक भारत में राजमार्गों, हवाई अड्डों, रसद, दूरसंचार और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में अवसरों की तलाश कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के निवेशकों से भारत में किसी तरह की बाधा नहीं आने देने को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारत निर्विवाद रूपसे एकमात्र ऐसा राष्ट्र है, जो अपने सभी निवेश मानकों जैसे राजनीतिक स्थिरता, निवेश व व्यापार अनुकूल नीतियां, शासन में पारदर्शिता, कौशल से परिपूर्ण प्रतिभाशाली समूहों और एक व्यापक बाजार के रूपमें प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह संस्थागत निवेशकों, विनिर्माणकर्ताओं, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और बुनियादी उद्योगों सहित सभी के लिए एक अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के दौर में भारत ने दृढ़ता दिखाई और यह विनिर्माण, आपूर्ति श्रृंखलाओं आदि से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं को दूर करने के मामले में एक समाधान देश के रूपमें उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रचालन तंत्र बाधित होने के बावजूद भी कुछ ही दिन के भीतर करीब 40 करोड़ किसानों, महिलाओं, गरीबों और जरूरतमंद लोगों के बैंक खातों में धनराशि सीधे पहुंचाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के संकट से उबरने के लिए सरकार की विभिन्न पहलों की जानकारी दी और इस बात पर बल दिया कि यह पिछले कुछ वर्ष में स्थापित की गई शासन व्यवस्थाओं और उपायों की क्षमता एवं भरोसे को दर्शाती हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन में भारत ने लगभग 150 देशों को दवाईयां उपलब्ध कराई हैं और दुनिया के लिए फार्मेसी की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि महामारी से पूर्व भारत ने शायद ही पीपीई किट का निर्माण किया हो, लेकिन आज भारत न केवल हर महीने लाखों पीपीई किट का निर्माण करता है, बल्कि उनका निर्यात भी करता है। उन्होंने उत्पादन को बढ़ावा देने और पूरे विश्व की सहायता करने के लिए कोविड-19 के लिए वैक्सीन तैयार करने की प्रतिबद्ध जताई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मार्च-जून के दौरान कृषि निर्यात में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री ने बताया कि व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में सरकार की पहलों से भारत की स्थिति और भी मजबूत हो रही है।
नरेंद्र मोदी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़ी व्यवस्था को और ज्यादा उदार बनाने, सॉवरेन वेल्थ एंड पेंशन फंड्स के लिए अनुकूल कर प्रणाली को लागू करने और मजबूत प्रतिभूति बाजार के विकास के साथ प्रमुख क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं जैसी पहलों की भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि फार्मा, चिकित्सा उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे क्षेत्र पहले से कार्य संचालन में हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए उच्चस्तर पर ध्यान केंद्रित करने और उनकी प्रभावी सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए सचिवों के एक समर्पित सशक्त समूह का गठन किया गया है। उन्होंने हवाईअड्डों, रेल, राजमार्गो, ऊर्जा पारेषण जैसे क्षेत्रों में परिसंपत्तियों के अग्रसक्रिय मुद्रीकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट सार्वजनिक और निजी दोनों तरह की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि भारत दृष्टिकोण और बाजारों के लिहाज से तेजी से बदल रहा है, भारत ने कंपनी अधिनियम के तहत कई प्रावधानों के उल्लंघन को अविनियमित और गैर-अपराधिक सूची में रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स रैंकिंग में 81 से 48वें स्थान पर और पिछले 5 वर्ष में विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 142 से 63वें पायदान पर पहुंच गया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन सुधारों के कारण भारत को जनवरी 2019 से जुलाई 2020 के बीच संस्थागत निवेशकों से लगभग 70 बिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त हुए, यह 2013 से 2017 के बीच के चार वर्षों में प्राप्त धनराशि के लगभग बराबर हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक निवेशक समुदाय के भारत के प्रति निरंतर बढ़ते विश्वास को इस तथ्य के साथ देखा जा सकता है कि 2019 में भारत में प्रत्यक्ष विदशी निवेश में उस समय 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जब वैश्विक प्रत्यक्ष विदशी निवेश के अंतर्प्रवाह में 1 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के प्रथम 6 महीने में भारत को दुनियाभर से 20 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्राप्त हुए हैं, जब वैश्विक स्तर पर कोविड-19 अपने चरम पर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी स्थिति से निपटने के प्रति एक अद्वितीय दृष्टिकोण अपनाया है।
उन्होंने कहा कि गरीबों और छोटे व्यवसायों को राहत व प्रोत्साहन पैकेज दिए गए हैं, साथ यह ढांचागत सुधार करने का अवसर है, जो अधिक उत्पादकता और समृद्धि को भी सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कृषि, श्रम और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक सुधार किए हैं, ये लगभग हर भारतीय को एक साथ प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने श्रम और कृषि के क्षेत्र में पुराने कानूनों में सुधार सुनिश्चित किए हैं, वे सरकार के सुरक्षा दायरे को मजबूत बनाते हुए निजी क्षेत्र की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करते हैं और इससे उद्यमियों के साथ-साथ हमारे परिश्रमी व्यक्तियों के लिए भी लाभ का मार्ग सुलभ होगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार देश के युवाओं की प्रतिभा को आगे बढ़ाएगा और इसके लिए अधिक विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत आने के लिए एक मंच तैयार किया गया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रम कानूनों में सुधार श्रम संहिता की संख्या को काफी कम कर देते हैं और यह कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिए अनुकूल हैं और इससे व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र किए गए सुधार दूरगामी हैं और इससे न केवल किसानों को अधिक विकल्प मिलेगा, बल्कि निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये सुधार एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के हमारे प्रयासों का समर्थन करेंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य करते हुए हम वैश्विक समृद्धि और उन्नति में योगदान देने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा, विनिर्माण अथवा सेवाओं और कृषि के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए निवेश करने हेतु सहभागी बनने का एक स्थल है।