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Tuesday 13 October 2020 04:44:10 PM
गांधीनगर। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का 'बॉर्डर मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस' विषय पर चार दिवसीय फेकल्टी एवं प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम हुआ, जिसमें सीमाई सुरक्षा पर विशेषज्ञों एवं सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने गहन मंथन किया और अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए। सीमाई सुरक्षा के सामने चुनौतियों के दृष्टिकोण से यह कार्यक्रम काफी उपयोगी रहा। विशेषज्ञों का कहना था कि सीमा पर जागरुकता एक बड़ा विषय है, जिसपर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि सीमाओं पर पहले से ज्यादा चुनौतियां बढ़ी हैं और उनके तौरतरीके भी आधुनिक हैं, जिनके प्रति लोगों को जागरुक और सजग करने की आवश्यकता है।
प्रोफेशनल डेवलपमेंट कार्यक्रम भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने से संबंधित मामलों पर ही केंद्रित था। स्कूल ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एंड पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन के तत्वावधान में सेंटर फॉर बॉर्डर मैनेजमेंट एंड इंटेलिजेंस ने यह कार्यक्रम 5 से 8 अक्टूबर के दौरान आयोजित किया था। कार्यक्रम के विभिन्न सत्र भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने से संबंधित मसलों पर केंद्रित थे, जिसमें दुनियाभर से 65 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। प्रतिभागियों में विभिन्न सुरक्षा बलों और एजेंसियों के प्रतिनिधि, पुलिस बलों के सदस्य, शिक्षाविद और विद्वान शामिल थे। बॉर्डर मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस के सत्रों को देश-विदेश की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों, सुरक्षा क्षेत्र के प्रोफेशनल्स एवं शिक्षाविदों ने सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में वक्ताओं का कहना था कि बॉर्डर मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस क्षेत्र में कार्यरत प्रोफेशनल्स ने देश की युवा पीढ़ी में देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के प्रति जागरुकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्ज़ा प्राप्त राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत शैक्षिक ढांचे का निर्माण कर रहा है। विश्वविद्यालय ने इसी श्रृंखला में इस प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया था।