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Tuesday 20 October 2020 01:10:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए ग्रैंड चैलेंज वार्षिक बैठक 2020 में मुख्य भाषण में कहा है कि भविष्य का आकार उन समाजों से निर्धारित होगा, जो विज्ञान और नवाचार में निवेश करते हैं। उन्होंने कहा कि लघु अवधि के दृष्टिकोण के बजाय अग्रिम निवेश करते हुए सही समय पर विज्ञान और नवाचार के लाभों को हासिल जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन नवाचारों की यात्रा को सहयोग एवं सार्वजनिक भागीदारी से अवश्य आकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रैंड चैलेंज कार्यक्रम ने इस लोकाचार को अच्छी तरह से समझा है। उन्होंने इस कार्यक्रम के व्यापक विस्तार की सराहना की और कहा कि वैश्विक स्तर पर इससे कई देश जुड़े और उन्होंने रोगाणुरोधी प्रतिरक्षा, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कृषि, पोषण, जल, साफ सफाई एवं स्वच्छता आदि तमाम समस्याओं का निराकरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी ने हमें टीम वर्क के महत्व का एहसास कराया है। उन्होंने कहा कि बीमारियों की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती और वह धर्म, नस्ल, लिंग या रंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती हैं, इन बीमारियों में कई संचारी और गैर-संचारी रोग शामिल हैं जो लोगों को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत में एक मजबूत एवं जीवंत वैज्ञानिक समुदाय और अच्छे वैज्ञानिक संस्थान भारत की सबसे बड़ी संपत्ति हैं, खासकर पिछले कुछ महीने में कोविड-19 के खिलाफ जंग में इसका एहसास हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों ने क्षमता निर्माण से लेकर चमत्कार तक हासिल किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आम लोगों के सशक्त एवं संचालित दृष्टिकोण के कारण बड़ी आबादी होने के बावजूद कोविड-19 की मृत्यु दर काफी कम है, रोजाना कोरोना मामलों की संख्या में गिरावट हो रही है, मामलों की वृद्धि दर घट रही है और हमारे यहां रोगियों के ठीक होने की दर 88 प्रतिशत की एक उच्चतम स्तर पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि भारत लचीला लॉकडाउन अपनाने वाले पहले देशों में शामिल था, वह मास्क के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाले पहले देशों में शामिल था, उसने प्रभावी तौरपर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर सक्रियता से काम करना शुरू किया और उसने रैपिड एंटीजन टेस्ट की जल्द शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब कोविड के लिए टीका विकसित करने वाले देशों में सबसे आगे है। उन्होंने घोषणा की कि भारत में 30 से अधिक स्वदेशी टीके विकसित किए जा रहे हैं और उनमें से तीन उन्नत चरण में हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक व्यवस्थित टीका वितरण प्रणाली स्थापित करने पर पहले से ही काम कर रहा है और हमारे नागरिकों के टीकाकरण को सुनिश्चित करने में डिजिटल स्वास्थ्य आईडी के साथ इस डिजीटल नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत कम कीमत पर गुणवत्तायुक्त दवाओं और टीकों का उत्पादन करने की अपनी स्थापित क्षमता के लिए जाना जाता है, वैश्विक स्तर पर टीकाकरण के लिए 60 प्रतिशत से अधिक टीके का उत्पादन भारत में किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपने अनुभव और अनुसंधान प्रतिभा के साथ वैश्विक स्वास्थ्य सेवा संबंधी प्रयासों के केंद्र में होगा और वह अन्य देशों को इन क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने पिछले 6 वर्ष में स्वच्छता, शौचालय कवरेज आदि का उल्लेख किया, जिनसे एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं, गरीबों और वंचितों को काफी मदद मिली है और बीमारियों में कमी आई है। उन्होंने सरकार के उन प्रयासों का उल्लेख किया जिनसे बीमारियों को कम करने और गांवों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने में मदद मिली है, इन प्रयासों में हरेक परिवार को नल के जरिए पेयजल उपलब्ध कराना, ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करना और विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत सशक्तिकरण और सामूहिक कल्याण के लिए सहयोग की भावना का आग्रह किया। उन्होंने इस ग्रैंड चैलेंजिंग प्लेटफॉर्म से कई रोमांचक और उत्साहजनक समाधान की उम्मीद जताई।