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Saturday 13 April 2013 09:09:02 AM
नई दिल्ली। पाकिस्तान में भयंकर अत्याचार के कारण भारत आए 480 से अधिक हिंदू कुछ महीनों से दिल्ली में रह रहे हैं। उनका निवास, भोजन, कपड़े, बर्तन आदि का प्रबंध विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठन कर रहे हैं। अत्याचारों से जूझ कर भारत आए हुए हिंदुओं को आवश्यकता है, सुरक्षा, आदर-सम्मान की। उनका हर दिन इस चिंता में गुजरता है कि भारत का वीसा बढ़ेगा या नहीं, फिर से पाकिस्तान तो नहीं भेजा जाएगा। बच्चों की पढ़ाई, महिलाओं की सुरक्षा और हिंदू होने का सम्मान और आशाएं लेकर बचते-बचाते ये हिंदू भारत आ पहुंचे हैं। भारत सरकार ने अभी भी उन का वीसा ही बढ़ाया है, लेकिन एक महीने के लिए। विश्व हिंदू परिषद् ने मांग की है कि इन सभी हिंदुओं को, जो पाकिस्तान के अत्याचारों से तंग होकर भारत आ रहे हैं, भारत की नागरिकता दी जाए और उन्हें शिक्षा, नौकरी, आरोग्य आदि सभी अधिकार मिलें जो किसी भी भारतीय के हैं।
विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि जीवन की मूल जरूरतों का ख्याल रखते हुए इन हिंदुओं की भावनात्मक स्थिति की भी चिंता करना आवश्यक है, अपना सब कुछ खोने का दर्द, अपमान और अत्याचार के आक्रोश के कारण आज ये हिंदू सहमे-सहमे से हैं, डरे हुए हैं। छोटे-छोटे बच्चों ने उनकी माता-बहनों को पाकिस्तानी मुसलमानों के हाथों अत्याचारित होते देखा है, वृद्धों के मन में विभाजन के पहले की समृद्धि और आज की स्थितियां इनका गम हैं, मध्य आयु के पति-पत्नी के मन में अपने जीवन का युवा काल अत्याचारों से सामना करते हुए गवां देने का आक्रोश है और छोटे बच्चों के भविष्य की चिंता है। युवाओं की आंखों में आज भी भारतमाता की गोद में मां का दुलार पाकर जीवन में आगे बढ़ने की आशाएं हैं, माताओं के मन पर अपनी नन्ही कलियों जैसी कन्याओं पर हुए अत्याचारों का बोझ है और अब उनकी सुरक्षा की आशा भी! इतनी मिश्रित भावनाओं को समेटें भारत में रह रहे हैं ये हिंदू परिवार और अब यहां से पाकिस्तान लौटने का मतलब है-इन पर और ज्यादा अत्याचारों का टूटना।
इन हिंदुओं के साथ हिंदू नव वर्ष का दिन बिताते हुए डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि आज मेरा ह्रदय अनेक भावनाओं से सराबोर है-इन हिंदुओं ने पाकिस्तान में जो भुगता उसके लिए दुःख आक्रोश, क्रोध तो है ही, साथ-साथ मन में एक संतोष है कि आज ये हिंदू यहां सुरक्षित हैं और मैं हिंदू नव वर्ष के दिन उन के साथ हूं। इतने अत्याचारों के बावजूद इन हिंदुओं ने पाकिस्तान में भी अपना हिंदू धर्म नहीं त्यागा-इनका धैर्य और शौर्य देखकर मैं नतमस्तक हूं। वोट बैंक की राजनीति के कारण भारत में अब बहुसंख्यक होकर भी हिंदू दोयम नागरिक जैसा भेदभाव सहन कर रहे हैं और अल्पसंख्यक यहां सर चढ़ कर अत्याचार कर रहे हैं, सुविधाएं पा रहे हैं, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं, उन्हें भागकर भारत आना पड़ रहा है, सरकारों से बहुत उम्मीदें रख नहीं सकते, लेकिन विश्व हिंदू परिषद् और यहां के सभी हिंदू मिलकर हम इन हिंदू बच्चों को यहां अच्छी शालाओं में भर्ती कराएंगे, माताओं को छोटासा, घर में ही करने लायक काम दिलाकर स्वावलंबी बनाएंगे, युवाओं को व्यवसाय प्रशिक्षण, नौकरियां दिलाएंगे, भारत सरकार पर दबाव भी बनाएंगे कि इन हिंदुओं को पाकिस्तान न भेजे और उन्हें भारत का नागरिक बनाए।
डॉ प्रवीण तोगड़िया ने चित्र बनाने हेतु कागज़ और रंग दिए, डॉ तोगड़िया ने कहा कि इन हिंदू परिवारों में अनेक छोटे-छोटे बच्चे हैं, डरे और सहमें से हैं, वे अपना बचपन खोज रहे हैं, उनके मन में अनेक भावनाएं होंगी, इन चित्रों के माध्यम से उन्हें व्यक्त कर बच्चों का मन फिर से जीवन के रंगों से खिल उठेगा। भोजन, निवास, कपड़े इनकी चिंता तो हो ही रही है, सभी के मन भी शांत हों, आशा जागृत हों, सपने पूर्ण करने की उम्मीद बनी रहे, भारत के और विश्व भर के सभी हिंदू इन हिंदू परिवारों के साथ हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भारत सरकार इन दोनों देशों से नेहरू-लियाकत समझौते को लागू करने के लिए दबाव डाले, हम उन्हें भारत के साथ आदर्श एवं सम्मानपूर्वक अंगीकार होने के लिए सब कुछ करेंगे।