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Friday 23 October 2020 01:16:58 PM
कोच्चि। भारतीय नौसेना की कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान ने डोर्नियर एयरक्राफ्ट के लिए नौसेना की महिला पायलटों के पहले बैच को तैयार कर लिया है। तीनों महिला पायलट 27वीं डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग कोर्स के उन छह पायलटों में शामिल थीं, जिन्होंने 22 अक्टूबर 2020 को आईएनएस गरुड़ कोच्चि में पासिंग आउट समारोह में फुल ऑपरेशनल मैरिटाइम रिकॉइनेस (एमआर) पायलट कोर्स में स्नातक उपाधि प्राप्त की है। एसएनसी के चीफ स्टाफ ऑफिसर (ट्रेनिंग) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज वीएसएम एनएम ने समारोहपूर्वक इन पायलटों को सम्मानित किया और अब ये सभी परिचालन मिशनों के लिए डॉर्नियर विमान संचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
महिला पायलटों के पहले बैच में मालवीयनगर नई दिल्ली से लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, तिलहर उत्तर प्रदेश से लेफ्टिनेंट शुभांगी श्रीरूप और मुजफ्फरपुर बिहार से लेफ्टिनेंट शिवानी शामिल हैं। इन महिला पायलटों ने शुरुआत में आंशिक रूपसे वायुसेना के साथ और डीओएफटी पाठ्यक्रम से पहले कुछ समय के लिए नौसेना के साथ उड़ान प्रशिक्षण किया था। एमआर फ्लाइंग के लिए चुनी जाने वाली इन महिला पायलटों में लेफ्टिनेंट शिवांगी 2 दिसंबर 2019 को नौसेना पायलट के रूपमें अर्हता प्राप्त करने वाली पहली महिला बनी थीं। पाठ्यक्रम में एक महीने का ग्राउंड ट्रेनिंग चरण शामिल था, जिसे दक्षिणी नौसेना कमान के विभिन्न व्यावसायिक स्कूलों में किया गया और आईएनएएस 550 पर एसएनसी के डोर्नियर स्क्वाड्रन में आठ महीने का उड़ान प्रशिक्षण भी हुआ था।
लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा और लेफ्टिनेंट शिवम पांडे को क्रमशः उड़ान में प्रथम और ज़मीनी कार्रवाई में प्रथम चुना गया। लेफ्टिनेंट साइमन जॉर्ज पाइनोमूटिल की स्मृति में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (दक्षिण) रोलिंग ट्रॉफी लेफ्टिनेंट कुमार विक्रम को सबसे उत्साही प्रशिक्षु के लिए दी गई। इस ट्रॉफी की शुरुआत 18 जून 2019 को आईएनएएस 550 के डायमंड जुबली समारोह में की गई थी। यह शुरुआत साइमन जॉर्ज के बलिदान अमर बनाने के लिए थी, जो एक योग्य आइलैंडर पायलट थे, जिन्होंने 17 मई 1985 को स्क्वाड्रन की सेवा करते हुए एक घातक हवाई दुर्घटना में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।