स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 3 November 2020 02:10:23 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अधिकारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई और महामारी में आचरण पर सोशल मीडिया ट्वीट्स जारी किए। उन्होंने कहा कि लोगों के विचारों के लिए इस आइडिया बॉक्स को डीएआरपीजी के साथ-साथ माईगव प्लेटफॉर्म पर भी शुरु किया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सतर्कता जागरुकता सप्ताह भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध जारी रखने के सरकार के संकल्प का पुनर्मूल्यांकन है। उन्होंने कहा कि 2014 में निराशा और मायूसी का माहौल था और आम आदमी को लगा कि भ्रष्टाचार के चक्र से उन्हें छुटकारा नहीं मिल सकता, किंतु मोदी सरकार ने तत्कालीन निराशावाद को आशावाद में बदल दिया है।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीरो टॉलरेंस टू करप्शन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र का अनुसरण करते हुए भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए सरकार ने निर्णायक कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रक्रियाओं को अधिक न्यायसंगत बनाया गया और भ्रष्टाचार के अवसरों को कम करने के लिए 30 साल के अंतराल के बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन किया गया है, सरकार ने समूह सी और डी के पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त कर दिए हैं, लोकपाल को 2018 में क्रियाशील बनाया गया, इसके अलावा केंद्रीय सूचना आयोग और डीएआरपीजी ने मामलों के निपटान में सफलतापूर्वक वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी सामान्य योग्यता परीक्षा आयोजित करेगी, निचले स्तर की नौकरियों में रोज़गार अवसरों के लिए एक समान मौके प्रदान करेगी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने विभाग की सतर्क भारत, समृद्ध भारत विषय पर एक गोलमेज चर्चा भी की। राउंड टेबल को पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार और अजीत सेठ, डीओपीटी के पूर्व सचिव डॉ सी चंद्रमौली और डीएआरपीजी के सचिव डॉ के शिवाजी ने भी संबोधित किया। गोलमेज चर्चा में नैतिक भारत की खोज में निवारक सतर्कता के प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें सार्वजनिक सेवा की नैतिकता, नैतिक आचरण का सामाजिक अंकेक्षण, भ्रष्टाचार के मापन योग्य विश्लेषण और भ्रष्टाचार का शासन पर पड़ने वाला अत्यधिक प्रभाव है। प्रमुख चर्चा कर्ताओं ने सार्वजनिक सेवा के कोने-कोने में नैतिकता की आवश्यकता, निवारक सतर्कता में जागरुकता के सृजन का महत्व, मुख्य सतर्कता अधिकारियों की भूमिका, सत्यनिष्ठा को अपनाने और ऑनलाइन पोर्टल प्रोबिटी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन पर जोर दिया।