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Wednesday 4 November 2020 11:43:49 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों के लगाए गए सेवा शुल्क के संबंध में तथ्यात्मक स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि कई मीडिया रिपोर्टों में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सेवा शुल्क में बेतहाशा वृद्धि का उल्लेख किया गया है, इस संदर्भ में तथ्यात्मक स्थिति यह है कि जनधन खातों सहित बुनियादी बचत बैंक जमा खाते भारतीय रिज़र्व बैंक की निर्धारित मुफ्त सेवाओं के लिए समाज के ग़रीब और बैंकों से अछूते तबकों द्वारा खोले गए 41.13 करोड़ जनधन खातों सहित 60.04 करोड़ बुनियादी बचत बैंक जमा खातों पर कोई सेवा शुल्क लागू नहीं है।
नियमित बचत खाते, चालू खाते, नकद उधार खाते और ओवरड्राफ्ट खातों के संबंध में शुल्क तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 नवंबर 2020 से प्रतिमाह मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या के संबंध में कुछ परिवर्तन किए थे, जिसके तहत मुफ्त नकद जमा एवं निकासी की संख्या प्रतिमाह 5 से घटाकर प्रतिमाह 3 कर दी गई है, इसमें मुफ्त लेनदेन से अधिक लेनदेन के लिए भी शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने सूचित भी किया है कि उसने इन परिवर्तनों को वापस लेने का निर्णय ले लिया है। इसके अलावा किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने भी इस तरह के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित सभी बैंकों को उचित, पारदर्शी और भेदभावरहित तरीके से अपनी सेवाओं के एवज में इसपर आने वाले लागतों के आधार पर शुल्क लगाने की अनुमति है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने यह सूचित किया है कि कोविड महामारी के मद्देनज़र निकट भविष्य में बैंक शुल्कों में बढ़ोतरी करने का उनका कोई प्रस्ताव नहीं है।