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Wednesday 4 November 2020 11:48:16 AM
नई दिल्ली। भारत और यूएई के बीच निवेश बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्यदल की आठवीं उच्चस्तरीय बैठक वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसकी सह-अध्यक्षता रेल, वाणिज्य और उद्योग एवं उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मंत्री पीयूष गोयल ने की। बैठक में अमीरात की आबूधाबी के एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य और शाही सदस्य शेख अहम बिन जायद अल नाहयान ने यूएई का प्रतिनिधित्व किया। बैठक में दोनों देश के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। गौरतलब है कि भारत और यूएई के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए संयुक्त कार्यदल का गठन 2012 में किया गया था और इसकी सफलता का ही परिणाम था कि जनवरी 2017 में भारत-संयुक्त अरब अमीरात ने समग्र रणीनितक साझेदारी का समझौता किया।
भारत और यूएई के प्रतिनिधि संयुक्त कार्यदल के प्रयासों से संतुष्ट नज़र आए और उन्होंने अभी तक द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश की प्रगति की सराहना भी की है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुए है कि आने वाले समय में उन क्षेत्रों की पहचान करेंगे, जिससे आर्थिक विकास को नई गति मिले, साथ ही रिश्ते मजबूत करने के लिए वार्ता का दौर भी जारी रखेंगे, जिससे संयुक्त कार्यदल के परिणाम और बेहतर हों। संयुक्त कार्यदल की पिछली बैठक में कोविड-19 की चुनौती में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि आपसी हितों को देखते हुए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए निवेश और सहयोग बढ़ाने का प्रयास करेंगे। इन्हीं लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने एक प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया।
भारत और यूएई ने व्यापार एवं आर्थिक समझौतों को विस्तार देने के बीच आ रही अड़चनों पर भी चर्चा की है, इसके तहत एंटी डंपिंग शुल्क, टैरिफ और नियामक प्रतिबंध जैसी अड़चनों पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने भी बातचीत की है। इन अड़चनों को दूर करने के लिए दोनों देश आपसी सहमति बनाने के लिए लगातार प्रयास करेंगे, जिससे दोनों को फायदा पहुंचे। यूएई ने उन सेक्टर की पहचान की है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने में कारगर साबित होंगे। दोनों देशों ने 2018 में बनाई गई यूएई स्पेशल डेस्क और फॉस्ट ट्रैक मैकेनिज्म की भी समीक्षा की है, जिसका उद्देश्य भारत में यूएई निवेश बढ़ाने और निवेशकों को समस्याओं को दूर करना है, इस दिशा में दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की भी बात की है।
नागरिक उड्डयन क्षेत्र को अहम क्षेत्र मानते हुए दोनों देशों ने आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के नागरिक उड्डयन नियामक इस दिशा में प्राथमिकता के साथ काम करेंगे, इसके जरिए एयरपोर्ट ट्रांसपोर्टेशन दोनों देशों के बीच आसान करना एक अहम उद्देश्य होगा। इस मौके पर भारत में निवेश के लिए यूएई के फंड की भी चर्चा की गई, जिसकी सेबी द्वारा बनाए गए फॉरेन पोर्टफोलिओ इन्वेस्टर रेग्युलेशन-2019 के आधार पर समीक्षा की गई। इसके तहत भारत सरकार इस बात पर सहमत हुई है कि यूएई आधारित फंड के जरिए आने वाला निवेश सीधे तौरपर हो सके, इसके लिए भारत जरूरी कदम उठाने की दिशा में काम करेगा, जिससे कि दोनों पक्षों के हित पूरे हो सकें। दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवाओं, फॉर्मास्युटिकल, मोबिलिटी और लॉजिस्टिक, खाद्य और कृषि, ऊर्जा, उपयोगी सेवाएं सहित दूसरे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच साझेदारी बढ़ाने में संयुक्त कार्यदल एक अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर विकास की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यूएई लगातार भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार निवेश करता रहा है और भारत के विकास का अहम साझेदार है एवं भारत हमेशा से यूएई के निवेश को उच्च प्राथमिकता देता है और वहां के निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के अहम कदम उठाता है। शेख अहम बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि भारत-यूएई के बीच आर्थिक रिश्तों को अहम स्थान दिलाने में पिछला दशक काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि हमने एक महत्वाकांक्षी एजेंडा बनाया है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को अगले स्तर पर ले जाना है।