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Wednesday 18 November 2020 04:26:16 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तृतीय ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम में ब्लूमबर्ग फिलानथ्रॉपीज में माइकल ब्लूमबर्ग और उनकी टीम के महान कार्यों की प्रशंसा से अपना संबोधन आरंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्मार्ट सिटीज अभियान के डिजाइन में इस टीम का बहुत शानदार समर्थन है। उन्होंने कहा कि हम अपने इतिहास के एक बहुत महत्वपूर्ण बिंदु पर हैं, जिसमें दुनिया के आधे से अधिक नागरिक पहले से ही शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और अगले दो दशक में भारत एवं कुछ अफ्रीकी देश शहरीकरण के इस सबसे बड़े परिवर्तन के साक्षी बनने जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लेकिन, कोरोना महामारी ने दुनिया के सामने व्यापक चुनौतियां पैदा कर दी हैं, इसने हमें यह भी दिखाया है कि जो शहर हमारे विकास के संवाहक थे, वे हमारे कमजोर क्षेत्र भी हैं। उन्होंने कहा कि इस व्यापक अवसाद के बाद से दुनियाभर के कई शहरों ने स्वयं को सबसे खराब आर्थिक मंदी के कगार पर घोषित कर दिया, बहुत से साधन जो एक शहर में रहने का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनपर एक प्रश्नचिह्न लग गया, सामुदायिक समारोहों, खेल गतिविधियों, शिक्षा और मनोरंजन जैसी चीजें पहले जैसी नहीं रही हैं, दुनिया के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जनजीवन दोबारा कैसे शुरू किया जाए और पुनः नियोजन के बिना पुनरारंभ भी संभव नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्वयुद्धों के बाद विश्व ने एक नई विश्व व्यवस्था पर कार्य किया, नए प्रोटोकॉल विकसित किए गए और दुनिया ने खुद को बदल दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने हमें हर क्षेत्र में नए प्रोटोकॉल विकसित करने का समान अवसर दिया है, अगर हम भविष्य के लिए लचीले सिस्टम को विकसित करना चाहते हैं तो दुनिया को इस अवसर का सदुपयोग करना चाहिए, एक अच्छा प्रारंभिक बिंदु हमारे शहरी केंद्रों का कायाकल्प होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन उपायों के खिलाफ प्रतिरोध की विश्वव्यापी घटनाएं हुईं, हालांकि भारतीय शहरों ने सावधानीपूर्वक इन निवारक उपायों का पालन किया, ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे लिए हमारे शहरों का सबसे व्यापक निर्माण स्तर सिर्फ कंक्रीट नहीं, अपिंतु समुदाय था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि हमारे सबसे बड़े संसाधन, समाजों और व्यवसायों के रूपमें हमारे लोग हैं, इस प्रमुख और मूलभूत संसाधन को पोषित करके ही कोविड के पश्चात के विश्व का निर्माण किया जाना है, शहर विकास के जीवंत संवाहक हैं, वे इस अतिआवश्यक परिवर्तन को संचालित करने का सामर्थ्य रखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोग अक्सर शहरों की ओर पलायन करते हैं, क्योंकि शहर उन्हें काम देते हैं, कोविड ने शहरों को लोगों के लिए अधिक जीवंत बनाने की हमारी प्रक्रिया में गति लाने का अवसर दिया है, इसमें बेहतर आवास सुविधाएं, बेहतर कार्य वातावरण, छोटी और कुशल यात्रा शामिल हैं, लॉकडाउन में कई शहरों ने स्वच्छ झीलों और नदियों के साथ-साथ स्वच्छ वायु का भी अनुभव किया, हममें से कई लोगों ने पक्षियों को चहचहाते हुए देखा, जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था, क्या हम ऐसे स्थायी शहरों का निर्माण नहीं कर सकते हैं, जहां ये सुविधाएं अपवाद न होकर आदर्श हों? भारत में यह प्रयास किया गया है कि हम ऐसे शहरी केंद्रों का निर्माण करें, जिनमें एक शहर की सुविधाएं हों लेकिन एक गांव की भावना हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी में प्रौद्योगिकी ने भी हमें अपने काम में निरंतरता बनाए रखने में मदद की है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसे सरल उपकरण से मुझे दूरी को समाप्त करने और सभी से वार्तालाप करने में भी मदद मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये विकल्प हमें बेहतर जीवन का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करेंगे, आज कहीं से भी लोगों को काम करने के लिए, कहीं भी रहने के लिए, कहीं से भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में प्रवेश करने के लिए सशक्त बनाना एक परम आवश्यकता है, यही कारण है कि हमने प्रौद्योगिकी और ज्ञान-सक्षम सेवा क्षेत्र के लिए सरलीकृत दिशा-निर्देशों की घोषणा की है, इससे 'वर्क फ्रॉम होम' और 'वर्क फ्रॉम एनीवेयर' की सुविधा मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वहनीय आवासों की उपलब्धता के बिना हमारे शहर समृद्ध नहीं हो सकते, इसे साकार करते हुए हमने 2015 में सभी के लिए आवास कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हम 2022 की लक्षित समय-सीमा से पहले शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ या 10 मिलियन से अधिक इच्छुक परिवारों को आवास की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट बनाया, इसने रियल एस्टेट सेक्टर की गतिशीलता को बदल दिया है, इस अधिनियम ने इस क्षेत्र को और अधिक ग्राहक-उन्मुख और पारदर्शी बना दिया है।
उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक गतिशीलता लचीले शहर बनाने की कुंजी है, स्मार्ट, समृद्ध और जीवंत शहर के निर्माण की यात्रा में प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे भविष्य की ओर देख रहे हैं जहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खरीदारी, भोजन के अनुभव का एक बड़ा भाग ऑनलाइन हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे कार्यक्रम डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया मिशन इस दिशा में क्षमता निर्माण में मदद कर रहे हैं, हमने दो चरण की प्रक्रिया के माध्यम से 100 स्मार्ट शहरों का चयन किया है, यह सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद के दर्शन को बनाए रखने वाली एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि आप शहरीकरण में निवेश करना चाहते हैं तो भारत में आपके लिए रोमांचक अवसर हैं, यदि आप गतिशीलता में निवेश करना चाह रहे हैं तो भारत में आपके लिए रोमांचक अवसर हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि आप नवाचार में निवेश करना चाहते हैं तो भारत में आपके लिए रोमांचक अवसर हैं, यदि आप स्थायी साधनों में निवेश करना चाहते हैं, तो भारत में आपके लिए रोमांचक अवसर हैं, ये अवसर एक जीवंत लोकतंत्र के साथ जुड़े हैं। एक व्यापार अनुकूल वातावरण, एक बहुत बड़ा बाजार और एक सरकार, जो भारत को एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत बेहतर रूपसे शहरी परिवर्तन की ओर अग्रसर है, कोई संदेह नहीं है कि हितधारकों, नागरिक समाज, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग और सबसे महत्वपूर्ण रूपसे नागरिकों और समुदायों की मदद से हम जीवंत और समृद्ध वैश्विक शहरों के स्वप्न को साकार करेंगे।