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Wednesday 9 December 2020 05:12:53 PM
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने मुख्य भू-भाग कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीपों के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी योजना को मंजूरी दे दी है। परियोजना में एक समर्पित सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिए कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों कवरत्ती, कलपेनी, अगति, अमिनी, एंड्रोथ, मिनीकॉय, बंगाराम, बित्रा, चेटलाट, किल्तान और कदमत के बीच एक सीधा दूरसंचार लिंक उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है। परियोजना के क्रियांवयन की अनुमानित लागत 1072 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच वर्ष के लिए संचालन व्यय भी शामिल है। इस परियोजना को यूनिवर्सल सेवा बाध्यता कोष से वित्त पोषित किया जाएगा।
दूरसंचार आधारभूत ढांचे में वृद्धि देश के आर्थिक और सामाजिक विकास से बहुत नजदीकी से जुड़ी हुई है और रोज़गार सृजन की दिशा में दूरसंचार कनेक्टिविटी की अहम भूमिका है। इस संपर्क योजना की मौजूदा मंजूरी से लक्षद्वीप के द्वीपों में दूरसंचार सुविधाओं में बड़े बैंडविड्थ की उपलब्धता से काफी सुधार होगा। सबमरीन कनेक्टिविटी परियोजना नागरिकों को उनके घर पर ही ई-सुशासन सेवाओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी, इसके अलावा मत्स्य क्षेत्र की क्षमता विकास, नारियल आधारित उद्योगों, पर्यटन, दूरस्थ शिक्षा के जरिए शैक्षिक विकास और टेलीमेडिसिन सुविधाओं से स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी। परियोजना से अनेक उद्यमों की स्थापना, ई-कॉमर्स गतिविधियों को बढ़ावा देने और शैक्षिक संस्थानों में ज्ञान साझा करने में पर्याप्त मदद मिलेगी। लक्षद्वीप के द्वीपों में लॉजिस्टिक सेवाओं के लिहाज से एक विशाल हब बनने की क्षमता है।
भारत संचार नगर लिमिटेड को इस परियोजना की क्रियांवयन एजेंसी और टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड को यूएसओएफ, दूरसंचार विभाग की सहायता करने के लिए तकनीकी सलाहकार मनोनीत किया गया है। परियोजना के तहत सम्पत्तियों के स्वामित्व का अधिकार यूएसओएफ के पास रहेगा, जो दूरसंचार विभाग के तहत वित्त पोषित एजेंसी है। इस परियोजना को मई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरतलब है कि अरब सागर में केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में अनेक द्वीप शामिल हैं, जो भारत के लिए सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। इन द्वीपों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित, मजबूत, विश्वसनीय और वहनीय दूरसंचार सेवाओं की उपलब्धता पूरे देश के लिए सामरिक नजरिये से काफी महत्वपूर्ण है।
लक्षद्वीप में इस समय दूरसंचार कनेक्टिविटी उपग्रहों के जरिए प्रदान की जा रही है, लेकिन यहां उपलब्ध बैंडविड्थ की क्षमता मात्र 1 जीबीपीएस है। समावेशी विकास के लिए उपयुक्त क्षमता की बैंडविड्थ ई-सुशासन और ई-बैंकिंग केलिए पहली आवश्यकता है। लक्षद्वीप के द्वीपों में बेहतर दूरसंचार सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ इन क्षेत्रों में सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल योजना की शुरुआत कर रही है। लक्षद्वीप में उच्च क्षमता वाली बैंडविड्थ सुविधा को उपलब्ध कराया जाना देश में डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को हासिल करने तथा ई-सुशासन के राष्ट्रीय उद्देश्य को मूर्तरूप देने के अनुरूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने वाली पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल योजना राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने 30 दिसंबर 2018 को पोर्ट ब्लेयर में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी।