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Thursday 10 December 2020 05:07:56 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एडीएमएमप्लस की 10वीं वर्षगांठ पर आज वियतनाम के हनोई में 14वें आसियान रक्षा मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक प्लस में हिस्सा लिया। गौरतलब है कि एडीएमएम प्लस 10 आसियान देशों और आठ साझेदार देशों के रक्षामंत्रियों की एक वार्षिक बैठक है, यह वर्ष एडीएमएमप्लस फोरम की स्थापना का 10वां वर्ष है। एक विशेष स्मारक 10वीं वर्षगांठ समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच ने भाग लिया और रक्षामंत्री को विशेष सत्र में उत्सव सत्र को संबोधित करने का विशेषाधिकार दिया गया, इस मंच पर भारत को विशेष महत्व दिया गया। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फोकस किया कि भारत-प्रशांत क्षेत्र विशेष रूपसे कई पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों का सामना करता आ रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एशिया में एक बहुलवादी, सहकारी सुरक्षा व्यवस्था के लिए बातचीत और सामंजस्य को बढ़ावा देने में आसियान- केंद्रित मंच की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की। उन्होंने रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सुरक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में पिछले एक दशक में एडीएमएम प्लस की सामूहिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत, आतंकवाद निरोध और शांति रक्षा अभियानों सहित प्रमुख क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रचलनों को साझा करने में सात विशेषज्ञ कार्य समूहों की उपलब्धियों की सराहना की। रक्षामंत्री ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण पर एडीएमएम प्लस में विषयगत चर्चाओं को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत के परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत किया। उन्होंने समुद्री कानून पर संयुक्तराष्ट्र के कन्वेंशन के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय जल में सभी के लिए नेविगेशन की स्वतंत्रता और अधिक उड़ान के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल के पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव के शुभारंभ को याद किया और कहा कि आईपीओआई एक खुली वैश्विक पहल है, जो मौजूदा क्षेत्रीय विकास के ढांचे और तंत्र को तैयार करती है। उन्होंने भारत-प्रशांत पर भारत के आईपीओआई और आसियान आउटलुक के बीच समानता के बारे में चर्चा की, क्योंकि दोनों सहयोग के अवसर हैं। आसियान सदस्य देश अमेरिका, रूस, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के रक्षामंत्रियों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय और क्षेत्रीय सम्मान के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक खुला और समावेशी व्यवस्था कायम करने, देशों की अखंडता, बातचीत के माध्यम से विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और अंतर्राष्ट्रीय नियमों और कानूनों का पालन पर जोर दिया।
राजनाथ सिंह ने गतिविधियों में संयम के आधार पर आपसी विश्वास और उसके महत्व के साथ-साथ ऐसे क्रियाकलापों के बारे में चर्चा की, जो क्षेत्र में स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि क्षेत्र और दुनिया के लिए आतंकवाद एक बड़ा संकट है। उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोस सहित आतंकवाद को समर्थन देने और उसे बनाए रखने वाली संरचनाएं मौजूद हैं। उन्होंने संयुक्त रूपसे और दृढ़ता से आतंकवाद से लड़ने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता और अंतर्राष्ट्रीय तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता जताई। राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के प्रतिबंधों के बावजूद एडीएमएमप्लस सहित आसियान से संबंधित रक्षा कार्यक्रमों के उत्कृष्ट संचालन के लिए वियतनाम को धन्यवाद दिया। उन्होंने ब्रुनेई दारुस्सलाम का नए अध्यक्ष के रूपमें भी स्वागत किया और 2021 में उनके सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।