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अंबेडकर जयंती बनी बसपा का शक्ति-प्रदर्शन

सपा सरकार से सभी दुखी-मायावती

बहुजन समाज पार्टी ने मनाई भीमराव अंबेडकर जयंती

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 16 April 2013 09:28:18 AM

ambedkar jayanti 2013

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 122वीं जयंती बीएसपी का शानदार शक्ति-प्रदर्शन बन गई। इससे बौखलाकर सपा सरकार के लोगों ने लखनऊ में अंबेडकर जयंती पर परिवर्तन स्‍थल और उसके आस-पास एवं शहर में लगवाए गए बसपा कार्यकर्ताओं व नेताओं के झंडे, पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स रातों-रात हटवा ‌दिए और उखड़वा दिए। परिवर्तन स्‍थल पर उम्मीद से भी ज्यादा अनुयाई पहुंचे, जिससे लगा कि यह कोई रैली है, किंतु यह बसपा के लोगों का आत्मविश्वास से लबरेज़ उत्साह था, जो उन्हें बड़ी संख्या में यहां ले आया। इस मौके पर मौजूदबीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की खुशियों का भी कोई ठिकाना नहीं रहा। मायावती ने परिवर्तन स्थल जाकर वहां लिकंन मुद्रा में प्रतिष्ठापित डॉ भीमराव अंबेडकर की भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पार्टी के राज्य स्तरीय श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और वहां आए अनुयाइयों में अपने प्रेरणादायक भाषण से जोश भर दिया। मायावती ने अंबेडकर के सपनो का जातिविहीन समतामूलक भारत बनाने के लिए सत्ता की मास्टर चाभी हासिल करने का संकल्प दोहराया।
बहरहाल बसपा इस मौके का भी राजनैतिक लाभ उठाने में सफल रही। अंबेडकर जयंती के दो दिन पूर्व से ही लगने लगा था कि जैसे यहां अभी भी बसपा की सरकार है। सपा सरकार के इस एक साल में ही लोग कहते भी सुने जाते हैं कि सपा सरकार फेल हो गई है, राजधानी में अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर गोमतीनगर परिवर्तन स्‍थल के पास ऐसा नजारा देखने को मिला कि मुगालता हुआ कि सपा की सरकार है या बसपा की? शायद यही वजह रही कि सपा सरकार के लोग लाव लश्कर के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने बसपा अध्यक्ष मायावती और डॉ अंबेडकर के झंडे, पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स रातों-रात हटवा ‌दिए। इसे लेकर बसपा कार्यकर्ताओं और सपा प्रशासन के लोगों के बीच नोक-झोंक भी हुई। कुल मिलाकर बसपा में जोश दिखाई दिया और मायावती अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को बसपा की पहले जैसी ही शक्ति का विश्वास दिलाने में सफल रहीं। इस मौके पर दूर-दूर से बड़ी संख्या में बसपा के लोग उमड़े। सपा के नेता इस पर अपनी खीज ही उतारते दिखे। यह कार्यक्रम लगभग पूरे दिन जारी रहा। कार्यक्रम स्थल पर मायावती का जोरदार स्वागत किया गया, उनके स्वागत में लगभग सभी वरिष्ठ पदाधिकारी परिवर्तन स्थल पर मौजूद थे।
मायावती ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते ‌हुए जहां अपने कार्यकर्ताओं के बीच प्रेरणा से भरी बातें कहीं, वहीं उन्होंने यूपी और केंद्र की सरकारों की कार्यप्रणाली पर भी जोरदार हमला करते हुए उनके कार्यों को उत्पीड़नात्मक और जनविरोधी बताया। उन्होंने कहा कि बीएसपी ‌की सरकार ने देश की संपत्ति का विकास किया, जबकि कांग्रेस, बीजेपी एवं अन्य विरोधी पार्टियां धन्नासेठों की पूंजी के विकास में ही व्यस्त रहीं। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में महिलाओं की असुरक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश एक प्रकार से दंगा-प्रदेश बनने एवं अपराध-नियंत्रण और कानून-व्यवस्था में सरकार की लगातार विफलता से आम लोगों का जीवन काफी ज्यादा कष्टदायक व चिंताजनक हो गया है।
मायावती ने सभी स्थितियों का विश्लेषण करते हुए कहा कि भारत में जांत-पांत, ऊंच-नीच होने के कारण असमानता से ग्रस्त समाज में शोषितों-पीड़ितों, वंचितों और उनमें भी खासकर दलित व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के आत्म-सम्मान के साथ जीने के मानवीय हक को संवैधानिक तौर पर दिलाने का महान कार्य डॉ भीमराव अंबेडकर ने किया, उनके सपनों का जाति विहीन मानवतावादी समतामूलक भारत बनाने हेतु बीएसपी तन, मन, धन से समर्पित रहकर सत्ता की मास्टर चाभी हासिल करने के अपने संकल्प को हांसिल करेगी। मायावती के इस कथन से सामाजिक परिवर्तन स्‍थल मायावती के नारों से देर तक गूंजता रहा।बीएसपी सरकार में राजधानी लखनऊ में निर्मित डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में यह एक बड़ा कार्यक्रम था, जिसमें मायावती के साथ-साथ प्रदेश के जिलों एवं विधानसभा क्षेत्रों के वरिष्ठ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, उसमें वो भी बड़ी संख्या में पहुंचे, जो अंबेडकर के अनुयाई और बसपा के समर्थक हैं।
मायावती ने सपा को मुख्य निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करके खासकर बीएसपी कार्यकर्ताओं का प्रदेशभर में राजनीतिक उत्पीड़न कर रही है, उसने बाबा साहब डॉ अंबेडकर के जन्म-दिन से संबंधित हो‌र्डिंग्स व बैनर आदि भी गलत ढंग से हटवा दिए। इस कदम की तीव्र निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि सपा सरकार दंगा-प्रदेश होने के भी अभिशाप से ग्रस्त है, जबकि बीएसपी की सरकार में उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से दंगा-मुक्त प्रदेश बना दिया गया था, यही नहीं, अयोध्या भूमि विवाद से संबंधितन्यायालय का आदेश आने पर भी उत्तर प्रदेश में अमन व शांति बनीं रही, जबकि दूसरे प्रदेशों में दंगों की आशंका के कारण स्कूल, कालेज, सरकारी कार्यालय आदि तक बंद करा दिए गए थे। सपा सरकार में कई छोटे-बड़े सांप्रदायिक दंगों के कारण बिगड़ी सांप्रदायिक स्थिति और अपराध-नियंत्रण में विफलता के कारण राज्य में सर्वसमाज व सभी धर्मों के लोग दुःखी व परेशान हैं।
मायावती ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार में खाली पड़ी जमीन को गरीबों में वितरित किया गया था, उनपर भी सपा सरकार के संरक्षण में सपा के गुंडे व माफिया जबरन फसल काटकर उन पर कब्जा तक कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि बसपा सरकार आने पर ऐसे लोगों और उनका साथ देने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी काफी सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। उन्होंने कहा कि बीएसपी सरकार में निर्मित भव्य स्थलों, स्मारकों, पार्कों आदि का ठीक ढंग से रख-रखाव नहीं करने पर बसपा, सपा सरकार की तीव्र निंदा करती है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी और सपा सरकारों ने दलित एवं अन्य पिछड़े वर्ग में जन्में महान संतों, गुरूओं व महापुरूषों की सदैव घोर उपेक्षा की है, परंतु बीएसपी की चार बार की सरकार के दौरान उन महापुरूषों को पूरा-पूरा आदर-सम्मान देकर समाज के प्रति उनके संघर्षों व कुर्बानियों को चिरस्थायी बनाया गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की उत्पीड़न की एक घटना का उल्लेख करते हुए मायावती ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद ‌दिया कि उसने बलात्कार पीड़ित बालिका के संबंध में पुलिस की ज्यादती का स्वयं संज्ञान लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार को फटकार लगाई और पीड़िता को न्याय दिलाने का प्रयास किया है। मायावती ने आशा व्यक्त की कि सुप्रीम कोर्ट राजस्थान के अलवर में भी पीड़ित दलित परिवार को इसी प्रकार से न्याय दिलाने का प्रयास करेगा। मायावती ने कहाकि कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में सपा शासनकाल के एक वर्ष के भीतर ही सर्वसमाज के लोगों का जीवन काफी कष्टदायक व दुःखदायी साबित हुआ है। बीएसपी अध्यक्ष ने कहाकि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण ही देश में लगातार महंगाई व बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है, इसी प्रकार देशभर में दलित एवं आदिवासी समाज के लोगों को उनकी जमीन से बेदखल करके उनके साथ बड़े पैमाने पर अन्याय किया जा रहा है।
डॉ अंबेडकर की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के उद्देश्य से से बीएसपी सरकार ने लखनऊ में विश्वस्तरीय डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल बनवाया था, जिसमें डॉ भीमराव अंबेडकर विहार, डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिंब स्थल तथा सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय स्थापित है। इसके अलावा डॉ भीमराव अंबेडकर गोमती पार्क का निर्माण और इस पार्क में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। लखनऊ में डॉ भीमराव अंबेडकर गोमती विहार खंड-1, खंड-2, खंड-3 एवं डॉ भीमराव अंबेडकर गोमती विहार खंड-4, डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु नवीनीकृत गोमती ब्रिज, डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु ओवर ब्रिज का निर्माण भी कराया गया। डॉ भीमराव अंबेडकर गोमती विहार खंड-1 में बाबा साहब की चहुंमुखी प्रतिमा की स्थापना की गई है।

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